यूपी के सोनभद्र में महिला करंट खाती रही, विधायक बोले बिजली काट दो, बिजली विभाग बोला नहीं काटेंगे

जेई को फोन लगाया कि साहब बिजली काट दो, महिला की जान बच जाएगी पर जेई साहब के कान पर जूं तक न रेंगी और बिजली नही काटी गई. यहां तक कि विधायक की सिफारिश तक धरी रह गई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सोनभद्र जिले के लोहारा गांव में करंट लगने से महिला घायल हुई
  • बिजली विभाग के अधिकारियों ने नहीं किया पावर कट, सारी फरियाद बेकार
  • बीजेपी विधायक डॉ अनिल कुमार मौर्या की बात भी बिजली विभाग ने नहीं सुनी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लखनऊ:

बिजली विभाग यूं तो घंटों बिजली काटता है लेकिन यही बिजली विभाग एक महिला को बचाने की गुहार लगाने के बावजूद बिजली ना काटने पर अड़ा रहा. विनती भी सिर्फ आम आदमी ने नहीं की, ख़ुद सत्ताधारी दल के विधायक ने आग्रह किया लेकिन लालफीताशाही की आदत पाले कर्मचारी बोला, हम बिजली नहीं काट सकते, ऊपर बात कीजिए. नतीजा ये हुआ कि करंट खाई महिला की जान चली गई. 

क्या है पूरा मामला

ये मामला सोनभद्र ज़िले का है. सोनभद्र के सुकृत फीडर के लोहारा गांव में एक महिला करेन्ट की चपेट में आ गई. परिजन घबराए, जेई को फोन लगाया कि साहब बिजली काट दो, महिला की जान बच जाएगी पर जेई साहब के कान पर जूं तक न रेंगी और बिजली नही काटी गई. परिजन हताश होकर घोरावल विधानसभा क्षेत्र से BJP विधायक डॉ अनिल कुमार मौर्या के पास फोन कर बिजली कटवाने की बात कही. BJP विधायक ने स्वयं जेई को फोन लगाया तो जेई ने वही जवाब दिया कि जो मृतक महिला के परिजनों को दिया कि बिजली हम नहीं काटेंगे. इसके लिए एसडीओ व एक्सईएन से बात करिए. 

विधायक की भी नहीं सुनी

अब आप सोचिए की जनता की बात दूर सत्ताधारी दल के विधायक भी निवेदन कर कह रहे हैं कि बिजली काट दो लेकिन जेई साहब का रुतबा देखिए, बिजली काटने की जगह एक्सईएन और एसडीओ से बात करने की सलाह दे रहे हैं विधायक को.  नतीजा, महिला की मौत हो गई. अब सवाल ये है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी जनता की जान बचाने की है, वही मौत का तमाशा क्यों बना बैठा है? विधायक गुस्से में हैं, जेई को हटाने की मांग कर डाली है. लेकिन जनता पूछ रही है, जेई हटेगा कब, और जिम्मेदारी तय होगी कब?

क्या मुआवजे से वापस मिलेगी जान

उधर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एसबी ठाकुर का बयान भी कम दिलचस्प नहीं. कहते हैं, मुझे अभी जानकारी हुई है, जेई पर जांच कर विभागीय कार्यवाही की जाएगी, रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा मिलेगा. यानी मौत के बाद भी बिजली विभाग अपने पुराने ढर्रे पर ही फाइल चलेगी, जांच बैठेगी, मुआवजे का झुनझुना बजेगा, जेई पर कार्यवाही होगी की नही यह पता ही नहीं चलेगा . मुआवज़ा तो विभाग दे देगा लेकिन क्या जान वापस दे पाएगा? घंटों कटौती करने वाले, हफ्तों और महीनों तक फाल्ट ना ठीक करने वाले ये कर्मचारी जान बचाने के लिए बिजली ना काटने पर अड़ेंगे तो सवाल ज़रूर उठेगा कि ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई कब होगी? 

(NDTV के लिए प्रभात कुमार की रिपोर्ट)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Nitish Kumar Hijab Controversy: 'हिजाब' पर फंस गए नीतीश?