लोटस 300 प्रोजेक्ट मामले में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO की कोठी पर ED के छापे में क्या मिला?

ED Raid On Former IAS Residence: नोएडा अथॉरिटी के सीईओ तक से बिल्डर सांठगांठ कर लेते हैं और फिर अपनी मनमानी करते हैं. जानिए मोहिंदर सिंह का मामला...

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ED Raid On Former IAS Residence: लोटस 300 प्रोजेक्ट मामले में ED ने बुधवार को देश भर में कई जगह छापे मारे. दिल्ली के अलावा मेरठ, नोएडा और चंडीगढ़ में छापे मारे गए. रिटायर IAS अफसर एवं नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित कोठी पर भी छापा पड़ा. इनकी कोठी से करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ कीमत के सोने के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं. लोटस 300 प्रोजेक्ट 300 करोड़ का घोटाला था. इस मामले में मनी लांड्रिंग का मामला ED ने दर्ज किया था.

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार

यह जमीन हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) को लोटस 300 परियोजना विकसित करने के लिए आवंटित की गई थी. एचपीपीएल कई कंपनियों का एक गठजोड़ है, जिसमें पेबल्स इन्फ्रोटेक की अग्रणी भूमिका है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में ‘घोर लापरवाही' के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को फटकार लगाई थी. उसे एक दशक से अधिक समय से अपने बकाये के भुगतान की स्थिति का पता लगाने या कोई कदम उठाने में फटकार लगाई थी.

दिल्ली पुलिस ने की थी कार्रवाई

वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस 300 प्रोजेक्ट के मामले में रियल एस्टेट कंपनी 3C के तीन डायरेक्टर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक 24 मार्च 2018 को होम बायर्स की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक बायर्स से प्रोजेक्ट में 636 करोड़ की रकम ली गई थी, जिसमें से लगभग 191 करोड़ की रकम 3C कंपनी की सब्सिडरी कंपनी में ट्रांसफर की गई, जिनका कंस्ट्रक्शन से कोई लेना देना नहीं था.

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