बलरामपुर में प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा धर्मांतरण, बीजेपी नेता का सनसनीखेज दावा

शैलेंद्र सिंह शैलू ने दावा किया कि हाल ही में छांगुर गैंग के धर्मांतरण के खुलासे के बावजूद, बीते रविवार को एक गांव में यह गतिविधि जारी थी. उनके अनुसार, नेपाल से मौलानाओं को बुलाया जाता है, जो बीमार, परेशान और गरीब लोगों को निशाना बनाते हैं.

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बलरामपुर:

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की गैंसड़ी विधानसभा सीट से पूर्व बीजेपी विधायक शैलेंद्र सिंह शैलू ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि नेपाल की सीमा से सटे गैंसड़ी क्षेत्र में लंबे समय से प्रशासन की मिलीभगत से झाड़-फूंक के नाम पर धर्मांतरण का खेल चल रहा है. एनडीटीवी से बातचीत में शैलू ने कहा कि यह गतिविधियां जिला प्रशासन की जानकारी में हैं, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

शैलेंद्र सिंह शैलू ने दावा किया कि हाल ही में छांगुर गैंग के धर्मांतरण के खुलासे के बावजूद, बीते रविवार को एक गांव में यह गतिविधि जारी थी. उनके अनुसार, नेपाल से मौलानाओं को बुलाया जाता है, जो बीमार, परेशान और गरीब लोगों को निशाना बनाते हैं. झाड़-फूंक के दौरान गाय की हड्डी में पानी डालकर लोगों को पिलाया जाता है और दावा किया जाता है कि इससे उनकी समस्याएं हल हो जाएंगी. इसके बाद पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है.

पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, जिसमें डीएम, एसपी, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार शामिल हैं, ने इस तरह की शिकायतों को दबाने का काम किया है. उन्होंने प्रशासन पर जमीन घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि जनहित के कार्यों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होती, लेकिन हाल ही में एक मुस्लिम व्यक्ति की जमीन को एक रुपये की कीमत पर हिंदू व्यक्ति के नाम ट्रांसफर कर दिया गया.

शैलू ने बताया कि बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्होंने लखनऊ में इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन जिला प्रशासन ने सरकार को गलत रिपोर्ट सौंपी. विधानसभा में इस मुद्दे को न उठाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने से विपक्ष को अनावश्यक मुद्दा मिल जाता.

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