उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पीलीभीत के मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पहुंचकर वन्य जीव सप्ताह का समापन किया. उन्होंने पीलीभीत को 248 करोड़ की 26 परियोजनाओं की सौगात दी. उनका शिलान्यास और लोकार्पण किया गया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर वन विभाग के कई अधिकारियों को सम्मानित भी किया. इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि तराई के क्षेत्र में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. चूका से लेकर कर्तनिया घाट, दुधवा और अमानगढ़ तक ईको टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है. वन विभाग ने 10 वेटलैंड विकसित किए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का अस्तित्व जीव-जंतु और जल पारिस्थितिकी तंत्र पर टिका हुआ है. भारतीय मनीषा में ही धरती को माता कहा है और हम सब इसके पुत्र हैं. जीव होने के नाते हम सभी का सह अस्तित्व है. जीव पालतू हो या जंगली, सब सह अस्तित्व पर निर्भर करते हैं. जीव जंतुओं और पारिस्थितिकी तंत्र पर संकट होगा तो मनुष्य के अस्तित्व पर भी संकट आ जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार लगातार विकास के लिए प्रयासरत है. हम सभी का विकास कर रहे हैं.
दोगुनी हुई पीटीआर में बाघों की संख्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने संयुक्त सर्वे किया है. इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व को प्रथम ग्लोबल अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्होंने कहा कि 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 25 बाघ थे. 2018 में बढ़कर इनकी संख्या 65 हुई है. राज्य में 173 बाघ थे. अब यूपी में 205 से अधिक बाघ हैं.
वन्यजीवों से होने वाली जनहानि को किया आपदा घोषित, पांच लाख मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018-19 में मुझे दुधवा जाना पड़ा था. प्रकृति में संतुलन होने पर मानव एवं वन्यजीवों में संघर्ष होता है. इस संघर्ष से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए हमारी सरकार ने इसे आपदा घोषित किया. अब कोई जनहानि होने पर पांच लाख का मुआवजा दिया जाता है. छह वर्ष के अंदर जन सहभागिता के माध्यम से वन विभाग को मॉडल विभाग बना दिया है. वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यूएनडीपी में परिस्थिति तंत्र और जैव विविधता के प्रमुख मिंडोरी पैक्स्टन की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर का टाइगर एक्स टू अवार्ड दिया गया है.