UP में एक और बीएलओ की मौत, परिजनों ने काम के दबाव का आरोप लगाया

परिजनों ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज के कारण नौ दिन पूर्व लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के लिए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) पर दबाव का आरोप लगाया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र के बूथ स्तरीय अधिकारी नानबच्चा का ब्रेन हेमरेज से उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • नानबच्चा शिक्षामित्र थे और मतदाता सूची के SIR कार्य के दौरान बीईओ पर दबाव का आरोप लगाया गया था.
  • पत्नी ने बताया कि नानबच्चा उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और काम के दबाव से नियमित दवा नहीं ले पा रहे थे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
गोंडा:

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 336 पर तैनात एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की लखनऊ में उपचार के दौरान मौत हो गई. उनके मुताबिक, मृत की पहचान नानबच्चा (57) के रूप में हुई और वह जिले के रुपईडीह विकासखंड के बनगाई स्थित अपने गांव के ही विद्यालय में शिक्षामित्र के रूप में कार्यरत थे.

परिजनों ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज के कारण नौ दिन पूर्व लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के लिए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) पर दबाव का आरोप लगाया था.

मृतक की पत्नी कृष्णा देवी ने बताया कि छह दिसंबर की सुबह नानबच्चा की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें तत्काल गोंडा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच में ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई. उन्होंने बताया कि बेहतर उपचार के लिए नानबच्चा को लखनऊ ले जाया गया, मगर नौ दिन तक वेंटीलेटर पर रखने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

नानबच्चा की मौत के बाद परिजन शव लेकर गांव पहुंचे, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और शिक्षामित्र उपस्थित रहे. घटना के तुरंत बाद परिजनों ने रुपईडीह के बीईओ रियाज अहमद पर एसआईआर कार्य को लेकर प्रताड़ना का आरोप लगाया था.

नानबच्चा की पत्नी के अनुसार, वह पहले से ही उच्च रक्तचाप के मरीज थे, लेकिन काम के अत्यधिक दबाव के कारण नियमित दवा नहीं ले पा रहे थे क्योंकि उन्हें आशंका थी कि दवा लेने से नींद आ जाएगी और काम प्रभावित होगा. परिजनों ने बताया कि पांच दिसंबर को बीईओ की फटकार के बाद नानबच्चा काफी परेशान हो गए थे और अगले दिन सुबह वह अचानक बेहोश पड़े मिले. नानबच्चा के इलाज के लिए शिक्षकों ने मानवीय पहल करते हुए करीब पांच लाख रुपये की सहयोग राशि एकत्रित करके उपचार में मदद की.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, पीड़ित परिवार को नौकरी और मुआवजा देने की मांग की है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बीईओ पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Goa Nightclub Fire Updates: भारत लाए गए लूथरा ब्रदर्स, अब मिलेगी रिमांड? | Dekh Raha Hai India
Topics mentioned in this article