यहां की एमपी-एमएलए कोर्ट (सांसद-विधायक अदालत) के विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार का समय समाप्त होने के बाद नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में आरोपी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया है. अदालत ने मामले में सभी दोषियों को छह माह की परिवीक्षा पर रहने का आदेश देते हुए रिहा कर दिया. जोशी के अलावा अन्य दोषियों में मनोज चौरसिया, राम सिंह, संजय यादव और प्रभा श्रीवास्तव हैं. अदालत ने जोशी और अन्य दोषियों को परिवीक्षा अवधि के दौरान अच्छा आचरण बनाए रखने के लिए जिला परिवीक्षा अधिकारी के समक्ष 20-20 हजार रुपये के दो मुचलके और इतनी ही राशि का निजी मुचलका दाखिल करने का निर्देश दिया.
अदालत ने सभी दोषियों को अगले 30 दिनों के भीतर परिवीक्षा अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. छह महीने की अवधि की गणना परिवीक्षा अधिकारी के समक्ष दोषियों के पेश होने की तारीख से की जाएगी. आदेश की एक प्रति परिवीक्षा अधिकारी को अग्रेषित करते हुए अदालत ने दोषियों को चेतावनी दी कि यदि वे निर्धारित समय के भीतर परिवीक्षा अधिकारी के सामने पेश नहीं होते हैं, तो उन्हें फिर से अदालत में तलब कर दंड के प्रश्न पर सुनवाई की जाएगी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार चुनाव प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी बजरंग नगर मोहल्ले में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ फरवरी 2012 में कृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस ने मामले की जांच की और 17 जून, 2012 को दोषियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया. एक आरोपी शकील अहमद की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी. जोशी वर्तमान में प्रयागराज से भाजपा की सांसद हैं.
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