यूपी में सहयोगी दल ही रच रहे बीजेपी के लिए चक्रव्यूह, जानें किसने चली कौन-सी चाल, योगी कैसे निपटेंगे?

यूपी में बीजेपी के कुछ सहयोगी दलों ने अपने दम पर पंचायत चुनाव लड़ने का ऐलान किया है तो कुछ ने ओबीसी आरक्षण में कोटे की मांग करके बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. मुसीबत के इस डबल डोज से निपटने के लिए बीजेपी मंथन में जुटी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को सहयोगी दलों ने टेंशन की डबल डोज दे दी है.
  • अपना दल ने सरकार पर 1700 करोड़ रुपये खर्च कर बदनाम करने का आरोप लगाया है.
  • ओम प्रकाश राजभर ओबीसी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने की मांग कर रहे हैं.
  • निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद भी इन दिनों बीजेपी को आंखें दिखा रहे हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लखनऊ:

यूपी में सहयोगी दलों ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. सहयोगी दलों ने इस बार अपने-अपने दम पर पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इन दलों ने ओबीसी आरक्षण में कोटा की मांग करके बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. मुसीबत के इस डबल डोज से निपटने के लिए यूपी के सीएम और दोनों डिप्टी सीएम वाली बीजेपी की कोर कमेटी की लंबी बैठक हुई. 

अपना दल पराया होने के कगार पर?

यूपी में बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग के लिए तीन छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है. अपना दल सबसे पुरानी और भरोसेमंद सहयोगी रही है. इस पार्टी के 13 विधायक और एक सांसद हैं. अनुप्रिया पटेल नरेंद्र मोदी सरकार में तो उनके पति आशीष पटेल योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं. बीजेपी ने अपना दल के साथ गठबंधन कुर्मी वोटों के लिए किया है. पिछले लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटरों का एक बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी को मिल गया था. 

अपना दल ने पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. अकेले लड़ने के ऐलान के साथ-साथ अपना दल ने यूपी की योगी सरकार को खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. आशीष पटेल ने आरोप लगाया है कि यूपी सरकार 1700 करोड़ रुपये खर्च करके हमारी पार्टी को बदनाम कर रही है. हमें ख़त्म करने की साज़िश रची जा रही है. 

राजभर की ओबीसी वोटों पर नजर

वहीं सुहेलदेव समाज पार्टी भी पंचायत चुनाव में अकेले ही उतरने का मन बना चुकी है. पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने तो ओबीसी आरक्षण में कोटा तय कर चुनाव कराने की मांग कर दी है. वह इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी कर चुके हैं.

ओम प्रकाश राजभर की मांग है कि राघवेंद्र सिंह कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी को तीन हिस्सों में बांटा जाए- पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा. इन्हें क्रमश 7%, 9% और 11% रिजर्वेशन मिले. बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण के कोटे के अंदर कोटा तय करने के लिए कमेटी बनाई थी. रिटायर्ड जस्टिस राघवेंद्र सिंह की कमेटी ने ये रिपोर्ट राज्य सरकार को दे दी है. 

निषाद पार्टी भी दिखा रही आंखें

यूपी में बीजेपी का तीसरा सहयोगी दल निषाद पार्टी है. मल्लाह वोटों को साधने के लिए ये गठबंधन हुआ था. निषाद पार्टी के चीफ और यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद भी इन दिनों बीजेपी को आंखें दिखा रहे हैं. 

Advertisement

संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर बिहार की तरह ही यूपी में ओबीसी आरक्षण में बंटवारा चाहते हैं. राम मंदिर आंदोलन के समय से ही यूपी मंडल और कमंडल की राजनीति का संघर्ष जारी है. देखना है कि ये आगे क्या रुख लेता है. 
 

Featured Video Of The Day
NDTV Indian Of The Year Award 2025: Bhim Singh Bhavesh को मिला सोशल इम्पैक्ट ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड
Topics mentioned in this article