यूपी में चुनावों से पहले बीएसपी का पहला ब्राह्मण सम्मेलन कल अयोध्या में होगा. पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेलन से पहले हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि के दर्शन करेंगे फिर सरयू तट पर 100 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक और सरयू की आरती करेंगे. इसके बाद ब्राह्मण सम्मेलन होगा. बाद में वह अयोध्या के साधु संतों से आशीर्वाद लेंगे.
मायावती ने सन 2007 में सोशल इंजीनियरिंग का प्रयोग अपनी राजनीति में किया था.बड़े पैमाने पर ब्राह्मणों को चुनाव में टिकट दिया था और उनका नारा था "हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा ,विष्णु,महेश है." 2021 में एक ऐसे वक्त जब कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों का एक वर्ग सरकार से नाराज़ है, मायावती फिर उसे दोहराने जा रही हैं.
अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन के संयोजक करुणाकर पांडेय कहते हैं कि,"भगवान राम ने दलित शबरी, पिछड़े निषादराज और शापित महिला अहिल्या का उद्धार किया और वनवासियों, आदिवासियों को साथ लेकर दुष्टों का दमन किया. इस तरह उन्होंने बहुत पहले भाईचारा बनाने का काम किया. इसलिए अयोध्या से इसकी शुरुआत बहुत उचित है."
यूपी में ब्राह्मण वोट क़रीब 11 फीसदी है. सन 2007 में मायावती को ब्राह्मणों का भी अच्छा वोट मिला और उनकी पूरी बहुमत की सरकार बन गई थी. लेकिन बाद में ब्राह्मणों का सबसे बड़ा हिस्सा बीजेपी के साथ चल गया है. योगी सरकार में ब्राह्मणों के वर्ग की नाराजगी की चर्चा होती है, ऐसे में मायावती की नज़र इस वोट बैंक में फिर सेंध लगाने की है.