सोते हुए बच्चों को उठाकर ले जा रहे भेड़िए, घर पर भी लगने लगा डर, बहराइच के 35 गांवों में आदमखोर जानवरों का तांडव

बहराइच में आदमख़ोर भेड़िए ने बीती रात फ़िर एक बच्ची की जान ले ली. वहीं एक बुज़ुर्ग महिला मौत से जंग लड़ रही है. बहराइच के महसी इलाक़े के नाउअन गरेठी गांव के घर से 03 साल की अंजली को उठाकर भाग रहे आदमख़ोर भेड़िए का पीछा ग्रामीणों ने किया, लेकिन उनके हाथ मासूम की लाश लगी.

Advertisement
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

इंसान और जानवरों का याराना कोई नया नहीं है, दोनों की दोस्ती के कई किस्से ऐसे हैं. जिनके पर हर कोई दिल हार जाए. लेकिन खूंखार जनवरी जानवरों के मामले में बात एकदम अलग हो जाती है. इन दिनों उत्तर प्रदेश में आदमखोर जंगली जानवरों का ऐसा खौफ पसरा है कि लोग डर के साए में जीने को मजबूर हो रहे हैं. बहराइच के करीब 35 गांवों के लोग भेड़ियों से इस कदर खौफजदा हैं कि लोग बार निकलने से डर रहे हैं. इस इलाके में भेड़िए 9 बच्चों सहित 10 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इनमें से 7 लोगों की मौत एक ही महीने में हुई हैं. वहीं भेड़ियों के हमले में 35 से अधिक लोग घायल भी हो चुके हैं. 

भेड़िए ने ली 1 और बच्ची की जान, महिला भी घायल

बहराइच में आदमख़ोर भेड़िए ने बीती रात फ़िर एक बच्ची की जान ले ली. वहीं एक बुज़ुर्ग महिला मौत से जंग लड़ रही है. बहराइच के महसी इलाक़े के नाउअन गरेठी गांव के घर से 03 साल की अंजली को उठाकर भाग रहे आदमख़ोर भेड़िए का पीछा ग्रामीणों ने किया, लेकिन उनके हाथ मासूम की लाश लगी. इस बीच एक महिला पर भी भेड़िये ने हमला कर दिया, जिसमें वो घायल हुई है. भेड़िए के हमले में घायल महिला को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. डीएम ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार की से बात की है.

सोते बच्चे को उठा ले गया भेड़िया

इससे पहले 26 अगस्त के दिन भेड़िया एक महिला के पास सो रहे 7 साल के बच्चे को उठाकर ले गया. घर से थोड़ी दूर बच्चे का शव मिला. जैसे ही मां की जब नींद खुली तो बेटा वहां नहीं दिखा. बच्चे को जमकर खोजा गया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. अगले दिन सुबह कुछ लोगों ने बच्चे का शव खेत में पड़े होने की बात बताई, तब जाकर परिवार को मालूम हुआ कि उसे तो भेड़िया उठाकर ले गया था.

Advertisement

भेड़ियों के आतंक से खौफ में लोग

भेड़ियों ने उत्तर प्रदेश के बहराइच में जिस तरह का आतंक मचाया हुआ है, उससे 35 लोगों के गांव के लोगों को जीना मुहाल हो गया है. इन भेड़ियों आतंक इतना कि इन गांव वालों का खाना-पीना, उठना-बैठना और बाहर जाना भी मुश्किल होता जा रहा है. छोटे बच्चे से लेकर बड़ों तक, पालतू जानवरों तक सबको भेड़ियां अपना शिकार बना रहे हैं. यही वजह है कि क्या बच्चे और क्या बड़े और क्या बूढ़े, सभी आदमखोरों के आतंक के साये में जी रहे हैं. भले ही चार भेड़िए पिंजरे में कैद हो चुके हैं, लेकिन अभी भी दो आदमखोरों खुले घूम रहे हैं, जिससे लोगों का डरना लाजिमी है.

Advertisement

कैसे पकड़े गए चार आदमखोर भेड़िए

वन विभाग ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चार आदमखोर भेड़ियों को पकड़ लिया है. अभी भी 2 और भेड़ियों की तलाश है.  वन विभाग की टीम ने पहले भेड़िये को लोकेट किया, फिर पटाख़े फोड़कर उसको एक विशेष रास्ते में आने को मजबूर किया. जिसके बाद ट्रेनकुलाइज़ करके भेड़ियों को जाल की मदद से पकड़ लिया. अब भेड़िये को पिंजरे में बंद कर किसी चिड़ियाघर में ले जाकर सुरक्षित करके रखा जाएगा.

Advertisement

बहराइच के करीब 35 गांवों में भेड़ियों का आतंक

बहराइच के करीब 35 गांवों में भेड़ियों का आतंक है. भेड़ियों की धरपकड़ के लिए वन विभाग का ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ग्रामीणों को भेड़िये के आतंक से बचाने के लिए लगातार गश्त की जा रही है.वन विभाग की टीम ने गुरुवार को चार भेड़ियों को दबोचा था. वहीं शेष दो भेड़ियों को पकड़ने के लिए भी विभाग की 22 टीमें गश्‍त में जुटी हैं. 

Advertisement

कितने खतरनाक होते हैं भेड़िए

भेड़िए ये झुंड में रहते हैं. भेड़िये भले ही छोटे होते हैं, लेकिन ये खतरनाक  होते हैं. भले ही इनके पंजे भी भालू और शेरों सरीखे ताकतवर नहीं होते. ऐसा कम ही होता है कि भेड़िए अकेले रहते हो. स्वस्थ भेड़िये बहुत कम ही लोगों पर शिकारी तरीके से हमला करते हैं. देश में हर साल भेड़ियों के आतंक की खबरें आती रहती हैं.

Featured Video Of The Day
Pakistan ने खोली Congress-NC की पोल, दुनिया की कोई ताकत Article 370 की नहीं करा सकती वापसी : PM Modi