सपा नेता आजम खां के बाद बेटे अब्दुल्ला के केस से जुड़े जज ने भी खुदको किया अलग, पढ़ें क्या है पूरा मामला 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की कोर्ट नंबर 73 जस्टिस समीर जैन संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों और विधान परिषद सदस्यों से संबंधित जुड़े आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहे है.

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प्रयागराज:

आजम खान के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के मामले की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस समीर जैन ने खुदको इस मामले से अलग कर लिया है. इससे पहले 21 नवंबर को सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान से जुड़े मामले में चल रही सुनवाई से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने खुद को अलग कर लिया था. दरअसल, 2016 के रामपुर के चर्चित यतीमखाना बेदखली प्रकरण से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जून 2025 से लगातार सुनवाई चल रही है. 

इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पांच याचिकाएं दाखिल हुई है. अभी तक इस मामले में जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही थी लेकिन 21 नवंबर को जस्टिस समीर जैन ने आजम खान के मामले में खुद को अलग करते हुए मामले की सुनवाई के लिए दूसरी बेंच को नामित करने के लिए भेज दिया थ. आजम खान का ये मामला 2016 के यतीमखाना बेदखली प्रकरण से जुड़ा हुआ है. वहीं, सोमवार को जस्टिस समीर जैन ने आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के मामले में सुनवाई करने से खुद को अलग करते हुए मामले को रिलीज कर दिया. मामले के अनुसार अब्दुल्ला आज़म और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ़ रामपुर में अवैध तरीके से नदी की जमीन की प्लॉटिंग करने की एफआईआर दर्ज़ है. पुलिस ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. अब्दुल्ला आज़म की ओर से ट्रायल कोर्ट में दाखिल चार्जशीट और मुकदमे की कार्यवाही को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. 

अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सोमवार को जस्टिस समीर जैन की बेंच में सुनवाई होनी थी. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम परितोष कुमार मालवीय और याची के अधिवक्ताओं की उपस्थिति में जस्टिस समीर जैन ने खुद को सुनवाई से अलग करते हुए याचिका किसी अन्य पीठ को नामित करने के लिए चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कोर्ट नंबर 73 जस्टिस समीर जैन संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों और विधान परिषद सदस्यों से संबंधित जुड़े आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहे है.

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित मामले और सीबीआई द्वारा जांच किए गए मामले,प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच से जुड़े मामले,एनआरएचएम और गाजियाबाद जीपीएफ घोटाले के मामले,सीआरपीसी की धारा 407 और 447 बीएनएसएस के तहत आवेदन के साथ ही कराधान क़ानून से उत्पन्न आपराधिक मामलों में भी सुनवाई कर रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल और सिविल मामलों की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस द्वारा समय समय पर रोस्टर लागू किया जाता है. इस रोस्टर के हिसाब से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट काम करती है जिसमें जजों को चीफ जस्टिस द्वारा सिविल और क्रिमिनल मामलों की सुनवाई के लिए नामित किया जाता है. 

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