- यूपी एटीएस ने छांगुर उर्फ जलालुद्दीन और उसकी महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है
- छांगुर के नेटवर्क से अब तक लगभग पंद्रह सौ हिंदुओं को इस्लाम धर्म अपनाने का मामला सामने आया है, जिनमें से कुछ की घर वापसी भी हुई है
- छांगुर और उसके सहयोगियों ने खाड़ी देशों की यात्राएं की हैं और दुबई में नीतू समेत उसके परिवार के सदस्यों का भी धर्मांतरण कराया था
अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा से पूछताछ आज से शूरू होगी. छांगुर उर्फ जलालुद्दीन पर गलत तरीके से हिंदुओं को मुसलमान बनाने का आरोप है. यूपी की ATS ने उसे एक हफ्ते के लिए रिमांड पर लिया है. छांगुर के साथ ही उसकी महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन से भी पूछताछ होगी.
बीते शनिवार को ही दोनों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक छांगुर के नेटवर्क से हजारों हिंदुओं को इस्लाम धर्म कबूल कराने का मामला सामने आया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक छांगुर और उसके सहयोगियों ने 1500 हिंदुओं को मुसलमान बनाया है. पिछले महीने इनमें से 15 की घर वापसी हो चुकी है.
यूपी एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि छांगुर के लिए सवालों की लिस्ट तैयार की गई है. जिसमें भारत में उसके नेटवर्क के बारे में जानकारी ली जाएगी. जलालुद्दीन और उसके सहयोगी कई बार खाड़ी देशों की यात्रा कर चुके हैं. जलालुद्दीन ने नीतू, उसके पिता और उसकी बेटी का भी धर्मांतरण दुबई में कराया था. यूपी के अलावा मुंबई में भी छांगुर का अवैध धर्मांतरण वाला नेटवर्क फैला हुआ था. मुंबई और उसके आस पास भी उसने और उसके सहयोगियों ने संपत्तियां ख़रीदीं हैं.
यूपी एटीएस ने जलालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन से अलग अलग पूछताछ करने का फैसला किया है. छांगुर खुद लोगों का ब्रेन वॉश किया करता था. इसलिए उससे पूछताछ बड़ा कठिन काम है. सूत्र बताते हैं कि एटीएस ने कुछ मनोवैज्ञानिकों से भी सलाह ली है. इनकी मदद से छांगुर से अधिक से अधिक जानकारी लेने की कोशिश की जाएगी. छांगुर और नीतू को भी आमने सामने बैठा कर पूछताछ की जाएगी. इन दोनों से अलग अलग पूछताछ में जो जवाब मिलेंगे उन्हें आमने सामने बैठा कर वेरिफाई किया जाएगा.
यूपी एटीएस ने जलालुद्दीन और उसकी महिला सहयोगी नसरीन को 10 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक के लिए रिमांड पर लिया है. इस दौरान ऑन कैमरा दोनों से कई राउंड में पूछताछ होगी. जरूरत पड़ने पर इन्हें बलरामपुर भी ले जाया जा सकता है. जहां इन लोगों का सेंटर था.