यूपी के संभल में तालाब की जमीन पर बने मस्जिद और 80 मकान को नोटिस दिए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. संभल के थाना रायसत्ती क्षेत्र के मोहल्ला हातिम सराय में स्थित आठ बीघा जमीन पर अवैध निर्माण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश. संभल में फिलहाल तालाब की जमीन पर बने मकान नहीं गिरेंगे.
संभल के तहसीलदार के नोटिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. महमूद आलम और 18 अन्य की रिट सी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश। याचिकार्ताओं के निर्माण को तालाब की भूमि पर अवैध रूप से बने होने का आरोप लगा था। संभल प्रशासन ने तालाब की भूमि पर अवैध निर्माण का नोटिस देकर सभी के मकानों पर लाल निशान लगाया था। याचिकाकर्ताओं के मकान को तालाब की ज़मीन पर बने होने का कारण बताते हुए उसे अवैध करार देकर नोटिस जारी हुआ था।
विवादित जमीन पर मकानों को लेकर संभल के तहसीलदार की तरफ से 30 सितंबर को दिए गए नोटिस में 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया था और अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद 7 अक्टूबर को प्रशासन की तरफ़ से विवादित ज़मीन की पैमाइश कराई गई थी. यहां करीब 40 मकानों को अवैध चिन्हित कर लाल निशान लगाया गया था. सभी संबंधित पक्षों से 15 दिन का अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सभी अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त करने कि कार्रवाई की बात कही गई थी.
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर अधिवक्ता राकेश पांडे, अधिवक्ता इरशाद अहमद और अयूब खान ने पक्ष रखा। कोर्ट में दलील दी गई कि जारी किया नोटिस अवैध है इसलिए कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता का दावा है कि प्रशासन ने तहसील रिकॉर्ड जांचें बिना कार्रवाई शुरू की है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कार्रवाई ना करने का आदेश जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को चार हफ्ते के अंदर तहसीलदार के यहां एप्लीकेशन देने को कहा है.
कोर्ट ने याचिका पर स्टे लगाते हुए तहसीलदार को उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है. याचिका में राज्य सरकार, जिला मजिस्ट्रेट, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट और तहसीलदार को प्रतिवादी बनाया गया था. जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की डबल बेंच ने यह आदेश जारी किया है.