इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह को लगाई फटकार, कोर्ट में रुकने का दिया आदेश

कोर्ट ने सख्त होते हुए फर्रुखाबाद पुलिस द्वारा मंगलवार को एक अधिवक्ता को भी कोर्ट के बाहर से हिरासत पर लिए जाने का संज्ञान लेते हुए पुलिस को तत्काल अधिवक्ता को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद से जुड़ी एक बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कॉर्पस) रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह को फटकार लगाते हुए कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है. कोर्ट ने सख्त होते हुए फर्रुखाबाद पुलिस द्वारा मंगलवार को एक अधिवक्ता को भी कोर्ट के बाहर से हिरासत पर लिए जाने का संज्ञान लेते हुए पुलिस को तत्काल अधिवक्ता को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.

कोर्ट की सख्ती के बाद अधिवक्ता को कोर्ट में पेश किया गया. यही नहीं कोर्ट ने पुलिस को लेकर दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर एसपी को फटकार लगाते हुए कोर्ट रुम में रुकने का आदेश दिया और पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए वकील को पेश किए जाने तक कोर्ट रूम न छोड़ने को कहा. 

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रीति यादव व अन्य की तरफ से दाखिल की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने इससे पहले याचिका पर सुनवाई के बाद 9 अक्टूबर को फर्रुखाबाद के थाना कायमगंज के एसएचओ अनुराग मिश्रा, सीओ कायमगंज और एसपी फर्रुखाबाद को नोटिस जारी करते हुए 14 अक्टूबर को दोपहर दो बजे के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था.मंगलवार को एसपी फर्रुखाबाद समेत सारे पुलिसकर्मी कोर्ट में पेश हुए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की डबल बेंच में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने याचिकाकर्ता नंबर एक प्रीति यादव के बयान को दर्ज करते हुए उससे उसका नाम और कई जानकारियां बयान के आधार पर दर्ज की. इस दौरान प्रति यादव ने कोर्ट को बताया कि उसने ही ये याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने उससे जब याचिका वापिस लेने की वजह पूछी तो उसने कोर्ट कोर्ट को बताया कि पुलिस वाले उसके पति को पकड़ कर ले गए है.

पुलिस ने उसे दस्तखत करने को कहा था और वो पढ़ी लिखी नहीं हैं. जो पुलिस वाले उसके पति को पकड़ कर ले गए है, उनको भी वो नहीं पहचानती. कोर्ट में यह सारा बयान फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह, सीओ कायमगंज राजेश कुमार द्विवेदी और एसएचओ कायमगंज अनुराग मिश्रा की उपस्थिति में दर्ज दिया गया. वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इस याचिका के समर्थन में हलफनामा दायर करने वाले गवाह अनमोल यादव को एक अन्य मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है और इसलिए वो कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुआ.

पुलिस अधीक्षक आरती सिंह की उपस्थिति में राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अमित सक्सेना, एजीए एसएस तिवारी ने कोर्ट से इस मामले में सुनवाई के लिए बुधवार को दोपहर 12 बजे सुनवाई की जाने की प्रार्थना की ताकि वो हलफनामा दायर कर सकें और अपने रुख पर पुनर्विचार कर सकें.

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सुनवाई के बाद कोर्ट को सूचित किया गया कि एसपी के आदेश पर कोर्ट के बाहर से अधिवक्ता अवधेश मिश्रा व उनके बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें फर्रुखाबाद ले जा रही है. कोर्ट ने एसपी आरती सिंह और पूरी पुलिस टीम को लगभग पौने चार बजे तलब कर लिया. कोर्ट ने अधिवक्ता को हिरासत में लेने के संबंध में एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है.

इस मामले में हिरासत में लिए गए अधिवक्ता अवधेश मिश्रा की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि पुलिस को आशंका थी कि फर्रुखाबाद के अवधेश मिश्रा ने ही यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कराई है. इससे नाराज पुलिसकर्मियों ने 11 अक्तूबर को अधिवक्ता के घर पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ भी की। इस संबंध में प्रार्थनापत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. इससे नाराज पुलिस ने अवधेश मिश्रा को मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट के बाहर से गैर कानूनी तरीके से हिरासत में ले लिया. कोर्ट के हस्तक्षेप से अधिवक्ता की जान बच सकी. 

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राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मंगलवार को पेश किए गए हलफनामे में लगाए गए आरोपों का जवाब देने का अवसर भी उन्हें मिलेगा. साथ ही एक अभियोग आवेदन भी कोर्ट में दिया जाएगा, जिसमें कुछ तथ्य उनके ध्यान में लाए गए है. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे द्वारा इस न्यायालय के समक्ष एक और व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया गया, जिसे भी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.

हाईकोर्ट ने हलफनामे का जवाब भी पुलिस अधीक्षक द्वारा बुधवार तक दिया जाने का निर्देश दिया. कोर्ट बुधवार को 12 बजे इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी.  फर्रुखाबाद की एसपी भी कोर्ट में हाजिर रहेंगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है.

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बता दें कि फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। उनका आरोप है कि आठ सितंबर 2025 की रात नौ बजे थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ समेत चार-पांच पुलिसकर्मी उनके घर में घुस आए और घर के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया. दोनों लोगों को लभभग एक हफ्ते तक हिरासत में रखा आरोप लगाया कि इस दौरान उनसे एक लिखित बयान लिया कि हम किसी तरह की शिकायत नहीं करेंगे और हमने कोई याचिका दाखिल नहीं की है. 

सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से प्रीति के लिखित बयान को प्रस्तुत किया तो कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए 14 अक्तूबर 2025 को एसपी, सीओ और एसएचओ का तलब किया था। साथ ही याची प्रति यादव को भी तलब किया था. कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मंगलवार को एसपी सहित अन्य पुलिसकर्मी कोर्ट में हाजिर हुए। इसी दौरान प्रीति यादव भी कोर्ट में हाजिर हुई और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया.

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