- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिम ट्रेनर द्वारा महिला के साथ जाति सूचक शब्द कहने और दुर्व्यवहार मामले में चिंता जताई.
- पीड़िता ने 29 अप्रैल को हुई घटना के बाद मेरठ ब्रह्मपुरी थाने में आईपीसी और एससीएसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई.
- जिम की पंजीकरण स्थिति और आरोपी की गिरफ्तारी संबंधी व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ से जुड़े एक पुरुष जिम ट्रेनर द्वारा एक महिला के साथ जिम में उसको जाति सूचक शब्द कहकर उसके साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में अपने महत्वपूर्ण आदेश में चिंता जताई है. हाई कोर्ट ने जिम ट्रेनर की क्रिमिनल अपील पर सुनवाई करते हुए चिंता व्यक्त की है और कहा है कि क्या पुरुष जिम ट्रेनर्स द्वारा महिला ग्राहकों को बिना किसी सुरक्षा उपाय के प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने अपीलकर्ता सैनी की क्रिमिनल अपील पर सुनवाई करते हुए इस मामले में थाने के जांच अधिकारी को एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी. मामले के अनुसार, अपीलकर्ता नितिन सैनी पर एक महिला ने आरोप लगाया है कि 29 अप्रैल 2024 की शाम को मेरठ के माधवपुरम स्थित जिम में जब महिला वर्क आउट कर रही थी, तभी जिम ट्रेनर नितिन सैनी ने महिला यानी पीड़िता को जातिसूचक शब्द कहते हुए उसको गाली दी. उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए बल प्रयोग किया और उसकी छाती पर धक्का दिया और उसे जिम से निकाल दिया. इस घटना के बाद एक मई 2024 को पीड़िता ने जिम ट्रेनर नितिन सैनी के खिलाफ मेरठ के ब्रह्मपुरी थाने में आईपीसी की धारा 354, 504 और एससीएसटी एक्ट की धारा 3(2)5 में एफआईआर दर्ज कराई थी.
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट में पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि अपीलकर्ता नितिन सैनी ने उसकी दोस्त आरती के भी अश्लील वीडियो तैयार किए थे और पिछले छह-सात महीनों से आरती को अश्लील सामग्री भेज रहा था. इस मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे आरोप आईपीसी की धारा 354 और 504 के तहत दंडनीय अपराधों में आते है.
इस मामले में जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा है कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि वर्तमान में पुरुष जिम प्रशिक्षक महिला ग्राहकों को उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों (Adequate Safeguards) के बिना प्रशिक्षण (Training) दे रहे है.
हाई कोर्ट ने इस मामले में परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पुलिस स्टेशन ब्रह्मपुरी, मेरठ के जांच अधिकारी को एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताया गया हो कि क्या याचिकाकर्ता द्वारा संचालित जिम कानून के तहत विधिवत पंजीकृत है. क्या याचिकाकर्ता नितिन सैनी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है या नहीं..? इसके अलावा कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या जिम में महिला प्रशिक्षक है या नहीं. इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.