अखिलेश यादव-राहुल गांधी की दोस्ती में पड़ेगी दरार? 2 सीटों के ऑफर के बाद क्या करेगी कांग्रेस?

हरियाणा चुनाव के बाद अखिलेश यादव यूपी की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बड़ी मजबूती से अपने कार्ड खेल रहे हैं. उन्होंने गठबंधन की ज़िम्मेदारी बड़ी चालाकी से कांग्रेस कैंप पर छोड़ दी है.

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लखनऊ:

जम्मू-कश्मीर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सपा सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के एक साथ बैठने की फोटे आई है. इस फोटो को लेकर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. चुनावी माहौल में यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या इन दोनों नेताओं का साथ आगे भी बना रहेगा? या फिर यूपी वाला पेच इस दोस्ती में दरार डाल सकता है? गठबंधन धर्म निभाने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस (Congress) की है या फिर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की? क्योंकि हरियाणा चुनाव (Haryana Elections 2024) के बाद अखिलेश यादव यूपी की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बड़ी मजबूती से अपने कार्ड खेल रहे हैं. उन्होंने गठबंधन की ज़िम्मेदारी बड़ी चालाकी से कांग्रेस कैंप पर छोड़ दी है. 

अखिलेश यादव ने इस बार कांग्रेस के साथ मिल कर उप-चुनाव लड़ने का फैसला किया है. यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर 13 नवंबर को चुनाव होगा. समाजवादी पार्टी पहले ही 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है. कांग्रेस पार्टी की डिमांड 5 सीटों की है. इनमें से दो सीटों पर अखिलेश यादव टिकट भी फाइनल कर चुके हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अखिलेश-राहुल की दोस्ती कितनी दूर तक जाएगी?

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किन सीटों को लेकर कांग्रेस-सपा के बीच मतभेद?
दरअसल, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत अगस्त से चल रही है. अखिलेश यादव के ऑफिस ने कांग्रेस से पूछा किन सीटों पर लड़ना चाहते हैं. सीटों की डिमांड को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और यूपी प्रभारी अविनाश पांडे में चर्चा हुई. पार्टी की तरफ से 5 सीटों की डिमांड की गई. कांग्रेस फूलपुर, मंझवा, खैर, गाज़ियाबाद और मीरापुर से चुनाव लड़ना चाहती थी. 

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सपा ने कांग्रेस को दिया क्या जवाब?
कांग्रेस की चिट्ठी के जवाब में समाजवादी पार्टी ने चिट्ठी भेज दी. पार्टी की तरफ से कहा गया कि 6 सीटों पर तो कोई बातचीत नहीं हो सकती है. क्योंकि, ये सीटें समाजवादी पार्टी की हैं. इनमें से 5 सीटों पर समाजवादी पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में जीत चुकी थी. मुज़फ्फरनगर की मीरापुर सीट पिछली बार RLD ने जीती थी. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और RLD में गठबंधन था. 

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फूलपुर सीट को लेकर भी फंसा पेच
कांग्रेस फूलपुर से भी विधानसभा का उप चुनाव लड़ना चाहती थी. कभी समाजवादी पार्टी के नेता रहे उज्ज्वल रमण सिंह अब प्रयागराज से कांग्रेस के सांसद हैं. अखिलेश यादव की सहमति से ही वे कांग्रेस गए. फूलपुर विेधानसभा का एक हिस्सा प्रयागराज लोकसभा में पड़ता है. उज्ज्वल रमण सिंह के आने के बाद से कांग्रेस अपने को यहां मज़बूत मान रही है. इसीलिए फूलपुर सीट की डिमांड कर दी गई. 

मिर्ज़ापुर की मंझवा सीट से यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अपने बेटे को लड़ाना चाहते थे. लेकिन समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं हुई. वैसे भी मंझवा सीट अखिलेश यादव ने BJP के पूर्व सांसद रमेश बिंद के परिवार के लिए छोड़ने का वादा किया था. 

अखिलेश यादव ने कांग्रेस को दिया 2 सीटों का ऑफर
सूत्रों से पता चला है कि अखिलेश यादव की तरफ से कांग्रेस को 2 विधानसभा सीटों का प्रस्ताव दिया गया है. सीटों के बंटवारे में समाजवादी पार्टी ने खैर और गाज़ियाबाद सदर सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है. इस बारे में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे और अजय राय को आधिकारिक रूप से बता दिया गया है. 

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पिछली बार BJP ने जीती थी खैर और गाजियाबाद सीट
खैर विधानसभा सीट अलीगढ़ में है. ये सीट पिछली बार BJP ने जीत ली थी. यहां से दूसरे नंबर पर रही BSP नेता चारू केन को अजय राय ने कांग्रेस में शामिल करा लिया है. गाज़ियाबाद सदर सीट पिछले चुनाव में BJP ने जीती थी. ये शहरी सीट है. अखिलेश की राय है कि इस सीट पर कांग्रेस बेहतर चुनाव लड़ सकती है. अब सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव ने गेंद राहुल गांधी के पाले में डाल दी है.

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