अन्याय की बुनियाद पर समरसता मुमकिन नहीं... अखलाक के आरोपियों को बख्शे जाने पर भड़के ओवैसी

AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी कानून-व्यवस्था के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन बीजेपी का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा दोषियों के साथ खड़ी दिखाई देगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
योगी सरकार पर ओवैसी का तंज
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • योगी सरकार ने 2015 में अखलाक की हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है.
  • असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अन्याय की बुनियाद पर सामाजिक समरसता संभव नहीं है.
  • अखलाक की हत्या गोमांस रखने के आरोप के आधार पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई थी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के दादरी में 2015 में मोहम्मद अखलाक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने जा रही है. योगी सरकार के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी हमलावर हैं. इसे लेकर ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि साल 2015 में दादरी में अख़लाक़ की गोमांस रखने के झूठे आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. उस समय भारतीयों को लिंचिंग का मतलब तक पता नहीं था. लेकिन आज लिंचिंग आम बात हो गई है.

ये भी पढ़ें- प्रिंसिपल, टीचर ने टॉर्चर किया.. मेरा बच्चा... कहते-कहते रो पड़े शौर्य के पिता, सुनाई दर्दनाक दास्तां

ओवैसी ने कहा कि अख़लाक के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आंखों से देखी थी. उसका परिवार अब तक उस सदमे से उबर नहीं पाया है. पिछले 10 सालों में किसी को सज़ा नहीं मिली. अब सीएम योगी ने अख़लाक के हत्यारों के ख़िलाफ़ मुक़दमे वापस लने का फैसला किया है. सरकार के मुताबिक, यह फ़ैसला सामाजिक समरसता के हित में है. ओवैसी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि अन्याय की बुनियाद पर समरसता मुमकिन नहीं है.

ओवैसी ने सीएम योगी पर कसा तंज

AIMIM चीफ ने कहा कि सीएम योगी कानून-व्यवस्था के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन बीजेपी का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा दोषियों के साथ खड़ी दिखाई देगी.

मॉब लिंचिंग के आरोपियों के खिलाफ मामले वापस ले रही सरका

बता दें कि योगी सरकार के अखलाक की मॉब लिंचिंग मामले के आरोपियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है. जिले केअतिरिक्त जिला सरकारी वकील भाग सिंह भाटी के मुताबिक, राज्य सरकार ने अभियोजन वापस लेने के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा है. आवेदन सूरजपुर अदालत में प्रस्तुत किया गया और इस पर 12 दिसंबर को सुनवाई होगी.

Advertisement

वहीं अखलाक के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील यूसुफ सैफी ने कहा कि उन्होंने अभी तक आधिकारिक दस्तावेज नहीं देखे हैं. इसीलिए वह फिलहाल कुछ नहीं कह सकते.

गौमांस रखने के आरोप में भीड़ ने की थी अखलाक की हत्या

बता दें कि यह मामला 28 सितंबर 2015 का है. ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में लाउडस्पीकर पर कथित घोषणा की गई कि अखलाक ने गाय को मारकर उसका मांस फ्रिज में रखा हुआ है. जिसके बाद भीड़ ने उसके घर में घुसकर पीट-पीटकर उसे मार डाला था. अखलाक को बचाने की कोशिश में उनके बेटे दानिश को भी गंभीर चोटें आईं थीं.

Advertisement

अखलाक की पत्नी इकरामन ने उसी रात जारचा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 10 नामजद और चार-पांच अज्ञात लोगों पर आरोप लगाए गए थे. अखलाक और दानिश को नोएडा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां अखलाक को मृत घोषित कर दिया गया था. बाद में उसके बेटे दानिश को दिल्ली के ‘आर्मी रिसर्च एंड रेफरल' अस्पताल रेफर किया गया था.

Featured Video Of The Day
Hardoi के एक स्कूल में 16 छात्राओं की बिगड़ी तबीयत, मच गया हड़कंप | Breaking News| UP News