योगी सरकार ने 2015 में अखलाक की हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है. असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अन्याय की बुनियाद पर सामाजिक समरसता संभव नहीं है. अखलाक की हत्या गोमांस रखने के आरोप के आधार पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई थी.