'ऑक्सीजन मॉक ड्रिल' से नहीं था 16 मौतों का संबंध, आगरा के अस्पताल को क्लीन चिट

आगरा (Agra Hospital) के श्री पारस अस्पताल को क्लीन चिट मिल गई है. जांच के बाद कमेटी ने कहा कि 16 मौतों का संबंध कथित ऑक्सीजन मॉक ड्रिल से नहीं था.

Advertisement
Read Time: 24 mins
कमेटी ने अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है. (फाइल फोटो)
आगरा:

उत्तर प्रदेश के आगरा में कुछ दिनों पहले COVID-19 संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति कथित रूप से रोककर मॉक ड्रिल करने संबंधी श्री पारस अस्पताल के मालिक का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने अस्पताल को सील करने और अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे. खबरों में कहा गया था कि इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबर को गलत बताया था. अब इस मामले में अस्पताल को क्लीन चिट मिल गई है और कहा गया है कि 16 मौतों का संबंध कथित ऑक्सीजन मॉक ड्रिल से नहीं था.

श्री पारस अस्पताल के मामले के तूल पकड़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि 16 मौतों का संबंध कथित ऑक्सीजन मॉक ड्रिल से नहीं था. कमेटी ने कहा कि उन लोगों की मौत इसलिए हुई क्योंकि उनकी हालत काफी नाजुक थी और वे कई बीमारियों से ग्रसित थे.

ऑक्सीजन की कमी से मौत पर अब नहीं मिलेगा मुआवजा, केंद्र ने खारिज की दिल्ली सरकार की प्रस्तावित कमेटी

Advertisement

कमेटी ने कहा कि 16 में से 14 मरीज अन्य बीमारियों से ग्रसित थे. दो अन्य मरीजों की हालत काफी गंभीर थी. वे चेस्ट इंफेक्शन से जूझ रहे थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी मरीजों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलाज चल रहा था और चश्मदीदों से बात करने के बाद पता चला कि किसी भी मरीज की ऑक्सीजन सप्लाई बंद नहीं की गई थी.

Advertisement

कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, जांच अधिकारी ने पाया कि 25 अप्रैल को अस्पताल को 149 ऑक्सीजन सिलेंडर, जिसमें से 20 रिजर्व थे और 26 अप्रैल को 121 सिलेंडर जिसमें से 15 रिजर्व थे, दिए गए थे. समिति ने अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन ने उन्हें जो बताया, उसका हवाला देते हुए कहा कि कथित ऑक्सीजन स्टॉक वहां भर्ती मरीजों के लिए पर्याप्त पाया गया.

Advertisement

अस्पताल के मालिक का हवाला देते हुए कमेटी ने कहा, 'ये बिल्कुल झूठ है कि मरीजों की जान गई. ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने से जुड़ी कोई मॉक ड्रिल नहीं की गई. किसी की भी ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं की गई और इसका कोई सबूत नहीं है. अफवाह भ्रामक है, नहीं तो 26 अप्रैल की सुबह 7 बजे 22 मौतें हो जातीं.'

Advertisement

कोरोना की तीसरी लहर आई तो दिल्ली में नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत, जानें क्या बोले सीएम केजरीवाल

अरिंजय जैन ने कमेटी को बताया कि अस्पताल के ऑक्सीजन थी लेकिन भविष्य में इसकी सप्लाई को लेकर मुद्दा था. ऑक्सीजन असेसमेंट मॉक ड्रिल था. हमने हाइपोक्सिया के लक्षणों और ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल की निगरानी की ताकि यह आकलन किया जा सके कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होने पर कैसे कार्य किया जाए. हमने हर मरीज का आकलन किया और पाया कि 22 मरीजों की हालत काफी नाजुक थी.

VIDEO: वैक्सीनेट इंडिया : कौन-कौन लगवा सकता है कोरोना का टीका? जानिए

Featured Video Of The Day
Team India Victory Parade: जश्न के बीच जब जमीन पर बेहोश होकर गिरे Fans तब शो रूम कर्मचारी बने मसीहा