बेटे को खोने का गम बर्दाश्त नहीं कर सकी मां, एक साथ उठी अर्थी; भर आईं लोगों की आंखें

बड़ा भाई शुभम अपनी मां वंदना श्रीवास्तव को अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर बदहवास मां ने दम तोड़ दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
इटावा:

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में गमगीन कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां हर किसी की आंखे नम थी. 35 वर्षीय बेटे की कल रात एक अज्ञात वाहन से टक्कर से हुई मौत के बाद बदहवास मां ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया. आज शाम दोनों मां बेटे की अर्थी एक साथ उठी. ये देख हर किसी की आंखें आसुंओंं से भर आई. परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त सीनियर फोरमैन 32 वर्षीय शिवम श्रीवास्तव गुरुवार रात्रि 11 बजे आईटीआई चौराहे से वापस अपने घर वापस आ रहा था तभी अज्ञात वाहन ने शिवम को रौंद दिया. घटनास्थल से गुजर रहे राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी.

बेटे को खोने का गम बर्दाश्त नहीं कर सकी मां

इसके बाद घायल अवस्था मे पुलिस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर्स ने शिवम को मृत घोषित कर दिया. बड़ा भाई शुभम अपनी मां वंदना श्रीवास्तव को अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर बदहवास मां ने दम तोड़ दिया. यह देख परिवार में कोहराम मच गया. बेटे के दुनिया से जाने का गम मां बर्दाश्त न कर सकी. मां अपने बेटे को घटना से पहले फोन करके पूछती रही कि बेटे घर कब आओगे. तब बेटा बोलता रहा कि मां आधा घंटा रुक जा. तब भी मां का दिल नही माना. इसके बाद दोबारा फोन किया. फोन की घंटी बजती रही और बेटा सड़क पर अपनी जिंदगी की जंग हार गया था. उस वक्त अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया तो जवाब आया कि आपके बेटे का रोड एक्सीडेंट हो गया है और वह अस्पताल में है.

आंसुओं से भर आई लोगों की आंखें

छोटा बेटा अपनी मां का दुलारा था, मां बेटे को खोने का सदमा बर्दाश्त ना कर सकी. हालांकि डॉक्टर ने मां को ऑक्सीजन लगाकर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन बेटे के गम में मां ने भी दम तोड़ दिया. राम नाम सत्य है के उद्घोष के साथ मां बेटे की अर्थिया जब जिस रोड से निकलकर शमशान घाट की तरफ बढ़ रही थी. हर तरफ गम ओर आंसू थे. एक बेटे का दर्द मां से बेहतर कौन समझ सकता है जो 9 महीने तक अपनी कोख में रखकर पालन पोषण करती है, उसके दुनिया से विदा होने के सदमे का गम कैसे बर्दाश्त कर सकती है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top Headlines: Mamata Banerjee on Murshidabad Violence | National Herald Case | Bihar Election 2025
Topics mentioned in this article