पूजा पाल को पार्टी से बाहर करने का दांव क्या सपा को पड़ सकता है उल्टा? जानिए BJP का प्लान

15 अगस्त को पूजा पाल लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल हुई. पूजा ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे आंसू पोंछे. उन्होंने आरोप लगाया कि OBC समाज से आने वाली महिला विधायक को समाजवादी पार्टी ने बाहर कर दिया.

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  • पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.
  • पूजा पाल ने बीते दिनों यूपी विधानसभा में योगी सरकार की तारीफ की थी, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया.
  • पूजा पाल का आरोप है कि अति पिछड़ी जाति से आने वाली महिला विधायक को समाजवादी पार्टी ने बाहर कर दिया है.
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लखनऊ:

समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद पूजा पाल पहले CM योगी आदित्यनाथ से मिली. फिर उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की. पूजा पाल को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में घमासान मचा है. बीते दिनों पूजा ने यूपी विधानसभा में योगी सरकार की तारीफ की थी. उनके इस बयान के कुछ ही घंटों बाद उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित करने का फैसला हो गया. 

15 अगस्त को पूजा पाल लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल हुई. पूजा ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे आंसू पोंछे. उन्होंने आरोप लगाया कि OBC समाज से आने वाली महिला विधायक को समाजवादी पार्टी ने बाहर कर दिया. पूजा के पति राजू पाल की हत्या साल 2005 में हो गई थी. तब वे बीएसपी के विधायक थे. पूजा और राजू की शादी के सिर्फ़ 9 दिन हुए थे. 

पूजा पाल.. यूपी की राजनीति में बहस का ताज़ा मुद्दा

सोशल मीडिया में पूजा पाल ने एक तारीख़ का ज़िक्र करते हुए पोस्ट किया है. तारीख़ थी 25 जनवरी 2005. अपनी गाड़ी से राजू पाल अपने घर की तरफ जा रहे थे. तभी अतीक अहमद और उसके लोगों ने कई राउंड फायरिंग की. तब अतीक अहमद समाजवादी पार्टी के सांसद थे. उनके भाई अशरफ़ को राजू ने चुनाव में हराया था. जिस तरह से और जिस समय पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से बाहर किया गया. अब वो यूपी की राजनीति में बहस का ताज़ा मुद्दा है. 

पूजा पाल के बहाने ही बीजेपी की तैयारी अब समाजवादी पार्टी के PDA वाले फार्मूले की हवा निकालने की है. तैयारी इस बात की है कि पूजा को उन विधानसभा सीटों पर भेजा जाए, जहां अति पिछड़ी जाति के वोटरों का दबदबा है. पूजा पाल उन जगहों पर जाकर बतायेंगी की कैसे अतीक अहमद के लिए समाजवादी पार्टी ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया. बीजेपी को लगता है इस रणनीति से उसे दोहरा फ़ायदा हो सकता है. हिंदू बनाम मुसलमान हो सकता है और यादव बनाम अति पिछड़ी जातियों की गोलबंदी.

अति पिछड़ों को साधने के लिए ही अखिलेश यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान श्याम लाल पाल को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उस चुनाव में पार्टी को इसका बड़ा फायदा हुआ था. पार्टी ने लोकसभा चुनाव में रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन किया था. पूजा पाल के मुद्दे पर अखिलेश यादव खुल कर नहीं बोल रहे हैं. लेकिन उनके चाचा और  पार्टी के नेता  शिवपाल यादव का दावा है कि पूजा पाल का हाल केशव प्रसाद मौर्य की तरह होगा. अपना जन्म दिन मनाते हुए पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि पूजा को निकाल कर अखिलेश यादव ने सही फैसला किया है. 

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