- यूपी में आकाशीय बिजली कहर बनकर गिर रही है. बीते दो दिनों में 28 लोगों की जान जा चुकी है.
- आकाशीय बिजली गिरने से कई घर जल कर राख हो गए. खेत में लगी फसल भी स्वाहा हो गई है.
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार बीते तीन सालों में औसतन 300 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई है.
- राज्य के मुख्यमंत्री योगी जानमाल के नुकसान को कम करने के उपायों पर विचार कर रहे हैं. इसको लेकर ही उन्होंने इसरो चीफ से मुलाकात की.
उत्तर प्रदेश में बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बहुत होती है. हाल में ही प्रयागराज में तो एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई थी. बीते तीन चार सालों का रिकार्ड बताता है कि साल भर में औसत तीन सौ लोगों की मौत बिजली गिरने से हो रही है. ऐसी घटनाओं से जानमाल के नुक़सान को कम कैसे किया जाए? यूपी की योगी सरकार इस पर मंथन कर रही है.
करीब आधे घंटे हुई मुलाकात
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस दौरान यूपी के लिए अलग सैटेलाइट की संभावनाओं, रिमोट सेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल और डेवलपमेंट में अंतरिक्ष विज्ञान के सहयोग पर लंबी बातचीत हुई. ये मुलाकात करीब आधे घंटे की रही. इस दौरान यूपी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सीनियर अफसर भी साथ भी साथ रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में हर साल आकाशीय बिजली गिरने से हो रही मौत पर चिंता जताई. इस मुद्दे पर उनकी इसरो चीफ वी नारायणन से लंबी बातचीत की. इसरो चीफ से सीएम योगी से कहा, उत्तर प्रदेश के लिए एक सैटेलाइट तैयार किया जाए, जिससे बिजली गिरने की पूर्व चेतावनी दी जा सके. जवाब में इसरो चीफ ने बताया कि हम ऐसा सिस्टम बना रहे हैं जिससे बिजली गिरने से पहले अलर्ट किया जा सके.