उत्तर प्रदेश के बहराइच, कन्नौज और फतेहपुर जिलों में बुधवार को अधिकारियों ने बुलडोजर से कई अवैध संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया. बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र स्थित एक गांव की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई 23 संपत्तियों को उच्च न्यायालय के आदेश पर बुधवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज करा दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि गिराए गए मकानों में अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के हैं, जिनकी पुश्तें यहां 70-80 सालों से रह रही हैं. कैसरगंज तहसील के उप जिलाधिकारी आलोक प्रसाद ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कैसरगंज तहसील की सराय जगना ग्राम पंचायत के वजीरगंज बाजार में सरकारी जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था.
उप जिलाधिकारी आलोक प्रसाद ने बताया कि इसी गांव की रहने वाली हदीसुल नाम की एक महिला ने इन अवैध कब्जों के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की थी. अदालत ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए मई 2023 में सरकारी जमीन खाली कराने के आदेश दिए थे.
जमीन खाली करने के लिए दिए गए थे नोटिस
उप जिलाधिकारी के मुताबिक, आदेश के क्रम में सभी कब्जेदारों को जमीन खाली करने के नोटिस दिए गए थे. इस दौरान वैधानिक प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए ग्रामीणों से कब्जा खाली करने को कहा तो अधिकांश लोगों ने सहयोग करते हुए कब्जा खाली कर दिया है.
इस बीच, रोते-बिलखते ग्रामीणों ने संवाददाताओं से कहा, ''यहां किसी का 50 साल से, किसी का 70-80 साल से तो किसी का 90 वर्षों से मकान और दुकान है. इन मकानों में महिलाएं और बच्चे मिलाकर सैकड़ों लोग रह रहे हैं. दर्जनों परिवारों की रोजी रोटी इन दुकानों से चल रही है. अब सरकार के लोग इस जमीन पर कब्जा लेने आ गये हैं.'
एक ग्रामीण महिला ने कहा, ''मेरा मकान गिराया जा रहा है.'' एसडीएम ने कहा कि स्थानीय निवासी हदीसुल द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने कब्जाधारियों को जमीन खाली करने का आदेश दिया था.
फतेहपुर जिले में अधिकारियों ने बंधवा से चिल्ला पुल तक सड़क के 7.3 किलोमीटर हिस्से पर अतिक्रमण हटाने की शुरुआत की. लोक निर्माण विभाग के अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि लाल रंग से चिह्नित पिछले मापों के आधार पर 137 संरचनाओं को हटाने के लिए पहचाना गया था, जबकि कुछ अतिक्रमणकारियों ने स्वेच्छा से अपने निर्माण हटा लिए. 24 संरचनाओं को अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया. शेष निवासियों को अपने अतिक्रमण हटाने के लिए एक महीने का समय दिया गया.
सहायक अभियंता गुप्ता ने कहा कि सड़क निर्माण के साथ-साथ जल निकासी व्यवस्था में सुधार किया जाएगा, क्योंकि कई घरों के कारण सड़क पर जलभराव की समस्या हो रही थी. निवासियों को सड़क को और चौड़ा करने के लिए एक मस्जिद को खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया था, जिसके बाद अनुवर्ती कार्रवाई निर्धारित की गई थी.
सलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट