- सीएम योगी की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट ने नगरीय परिवहन, आईटी, शिक्षा समेत 15 प्रस्तावों को मंजूरी
- लखनऊ और कानपुर में 10-10 रूटों पर ई-बसों के संचालन को मंजूरी मिलते हुए पर्यावरण और यातायात सुधार पर जोर
- आउटसोर्सिंग सेवा निगम से जुड़े प्रस्ताव के तहत नियमित पदों पर अब आउटसोर्सिंग भर्ती नहीं की जाएगी
यूपी कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से जुड़े 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नगरीय परिवहन, आउटसोर्सिंग, आईटी, निर्यात नीति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कई अहम निर्णय लिए गए. नगर विकास विभाग के प्रस्ताव के तहत लखनऊ और कानपुर में नगरीय परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-बसों के संचालन को मंजूरी दी गई है. दोनों शहरों में 10-10 रूटों पर ई-बसें चलाई जाएंगी, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी.
आउटसोर्सिंग पर सख्ती
उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. जिसके तहत ये साफ किया गया है कि नियमित पदों के सापेक्ष अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती नहीं की जाएगी. आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रस्ताव के तहत राज्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 6 सालों की नई नीति को मंजूरी दी गई है. इसमें डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी जैसे 11 प्रमुख कंपोनेंट्स के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा.
निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, 882 करोड़ का बजट
उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को मंजूरी दी गई है. इस नीति के तहत राज्य सरकार 882 करोड़ रुपये खर्च कर एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी. इसका उद्देश्य राज्य को निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है. जनपद शाहजहांपुर में मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के अंतर्गत ‘स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय' की स्थापना को मंजूरी दी है. इससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे.
वाराणसी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए नया केंद्र
वाराणसी के परगना रामनगर में स्थित तीन एकड़ भूमि को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है. यहां ‘समेकित क्षेत्रीय केंद्र' की स्थापना की जाएगी, जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत काम करेगा.