क्या होता है बॉन्ड, क्यों करें निवेश और क्या है बॉन्ड और शेयर में अंतर, सब कुछ यहां समझें

भारत में निवेश के कई विकल्प हैं और बॉन्ड उनमें से एक हैं. बांड को एक डेट इंस्ट्रूमेंट (debt instrument) या कहें ऋण साधन कहा जाता है

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
बॉन्ड में निवेश शेयरों की तुलना में सुरक्षित है.
नई दिल्ली:

काफी दिनों से प्रयास जारी है कि लोगों को निवेश के बेहतर और सुरक्षित विकल्प सुझाए जाएं और वित्तीय जानकारी साझा की जाए. फाइनेंशियल प्लानिंग का विषय आसान भाषा में लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि वे अपनी मेहनत की कमाई को सही से निवेश कर अच्छा रिटर्न हासिल करें और पारिवारिक सुरक्षा के साथ खुशी-खुशी जीवन का आनंद लें. आज बात बॉन्ड की करने जा रहे हैं. यह बॉन्ड क्या होता है और इमें निवेश कैसे किया जाता है और यह शेयरों में निवेश से कैसे अलग है. शेयर और बॉन्ड में क्या अंतर है. आपको यह सब जवाब हमारे इस लेख में मिलेगा. 

बॉन्ड क्या है What is bond? Meaning of Bond
भारत में निवेश के कई विकल्प हैं और बॉन्ड उनमें से एक हैं. बांड को एक डेट इंस्ट्रूमेंट (debt instrument) या कहें ऋण साधन कहा जाता है जिसमें जारीकर्ता कंपनी ऋणदाता (बांड धारक) से पैसे उधार लेती है और बदले में मूल राशि पर ब्याज का भुगतान करने के लिए बाध्य होती है. ब्याज को कूपन कहा जाता है.

बॉन्ड खरीदने के बाद निवेशक को कैसे मिलता है रिटर्न How investor get return in bond?
बॉन्ड खरीदने के साथ ही धारक एक औपचारिक अनुबंध में प्रवेश करता है जहां जारीकर्ता अर्ध-वार्षिक, वार्षिक या मासिक आधार पर निश्चित अंतराल पर ब्याज के साथ उधार पैसे चुकाने का निर्णय लेता है.

Advertisement

शेयर और बॉन्ड में क्या अंतर होता है What is difference between bond and shares?
उल्लेखनीय है कि बॉन्ड और स्टॉक दोनों ही पूंजी बाजार की प्रतिभूतियां (Capital market securities) हैं; हालांकि, अंतर यह है कि स्टॉकहोल्डर्स की कंपनी में इक्विटी हिस्सेदारी (Equity stake) होती है, जबकि बॉन्डहोल्डर की कंपनी में लेनदार (Creditor stake) हिस्सेदारी होती है.

Advertisement

यह जरूर पढ़ें - अब Reliance Jio यूजर्स की फिर लगी लॉटरी, Jio True 5G लाया Free Welcome Offer

Advertisement

इसका मतलब है कि शेयरधारक कंपनी के मालिकों की स्थिति का समान आनंद लेते हैं और बॉन्डधारक कंपनी के लिए ऋणदाता होते हैं. साथ ही, बॉन्ड में आमतौर पर पूर्व-निर्धारित ब्याज दर और परिभाषित अवधि या परिपक्वता होती है, जिसके बाद ये परिपक्व हो जाते हैं. दूसरी ओर, स्टॉक्स अनिश्चित काल तक बकाया रहते हैं.

Advertisement

बॉन्ड कौन लाता है और क्यों लाता है? Who brings bond and Why?
कई बिजनेसमैन और सरकार अपने दीर्घकालिक निवेश या वर्तमान खर्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए धन जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करते हैं. हालांकि भारत में निवेश के कई विकल्प हैं, लेकिन इसमें शामिल कम जोखिम के कारण बांड को एक सुरक्षित साधन माना जाता है. वित्तीय जानकारी की कमी और भारत में इन बाजारों तक पहुंच अक्सर लोगों को इनमें निवेश करने से रोकती है. लेकिन अब हमारे पाठक इस बारे में जान-समझ गए होंगे और बेफिक्र सुरक्षित बॉन्ड को ढूंढ बेहतर निवेश के विकल्प को चुनेंगे.

निवेश को बेहतर प्लान करने के लिए पढ़ें हमारी चुनिंदा खबरे - यहां क्लिक करें

Featured Video Of The Day
US Election Results से ठीक पहले अमेरिकी Share Market में उछाल