देश भर में इन दिनों यूनीफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) की चर्चा जोरों पर हो रही है. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने हाल ही में यूपीएस योजना को मंजूरी दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि हाल ही में पेश की गई यूनीफाइड पेंशन स्कीम एक नई योजना है और इसे नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) यानी एनपीएस (NPS) की जगह नहीं लाया गया है.
उन्होंने कांग्रेस पर भ्रामक सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पेंशन योजना में सुधार किया है और यह यू-टर्न नहीं है.
NPS और OPS से कितना अलग है UPS?
"UPS से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हो पाएंगे संतुष्ट"
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में घोषित यूपीएस बेहतर पेंशन योजना (Pension scheme for Government Employeee) है और इससे ज्यादातर सरकारी कर्मचारी संतुष्ट हो पाएंगे. यूपीएस को इस तरह तैयार किया गया है कि यह हर गणना में उपयुक्त बैठती है और सरकार पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ता है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिकांश राज्य यूपीएस को अपनाएंगे क्योंकि इसमें कर्मचारियों के लिए बहुत सारे लाभ (UPS Benefits for Employees) हैं.
Unified Pension Scheme क्या है?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम लाने की मंजूरी दी थी. यूपीएस में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा. वहीं नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा.
UPS Scheme के तहत न्यूनतम Pension राशि कितनी है?
यूपीएस योजना (UPS Scheme) के तहत कर्मचारियों को 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा होने पर सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है. इस योजना में पेंशन कम-से-कम 10 साल की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक आधार पर तय होगी. साथ ही, न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन भी सुनिश्चित की गई है.
क्या UPS चुनने के बाद वापस कर पाएंगे NPS का रुख?
यूपीएस से 23 लाख पात्र केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन (Guaranteed pension) मिल सकेगी. हालांकि, UPS का विकल्प चुनने वाले लोग वापस NPS का रुख नहीं कर पाएंगे. UPS केवल उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो फिलहाल नई पेंशन योजना (NPS) के सब्सक्राइबर हैं और इनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, UPS से सरकारी खजाने पर हर साल 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है. हालांकि, कर्मचारियों की संख्या में बदलाव होते रहने से हर साल इसपर खर्च अलग-अलग होगा.