पुरानी संपत्ति को ज़्यादा कीमत में बेचकर भी कम कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax on Property Sale) चुकाने का रास्ता सरकार ने बंद कर दिया है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश किए गए आम बजट 2024 (Union Budget 2024) में इंडेक्सेशन बेनिफ़िट (Indexation Benefit) को खत्म करने का ऐलान किया, जिसकी बदौलत संपत्ति बेचने वाले खुद को होने वाले लाभ को कम आंकते और दिखाते थे, और इसके चलते सरकार को कम टैक्स की प्राप्ति होती थी. वर्ष 2001 के बाद खरीदी गई संपत्ति के लिए इस नियम के बदल जाने का ऐलान करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि अब करदाता, यानी टैक्सपेयर और कर अधिकारियों, दोनों के लिए टैक्स का आकलन करना सरल हो जाएगा.
अब तक क्या था नियम...?
अब तक संपत्ति की बिक्री के बाद विक्रेता के लाभ को इंडेक्सेशन बेनिफ़िट से कैलकुलेट किया जाता है, और फिर सामने आए लाभ की रकम पर 20 फ़ीसदी टैक्स वसूला जाता है. दरअसल, इस इंडेक्सेशन बेनिफ़िट के लिए आयकर विभाग, यानी इनकम टैक्स विभाग द्वारा प्रति वर्ष जारी किया जाने वाला कॉस्ट इन्फ़्लेशन इंडेक्स (CII) इस्तेमाल किया जाता है, जिसके आंकड़ों के आधार पर संपत्ति की खरीद कीमत को मुद्रास्फीति से समायोजित मूल्य से आंका जाता है.
अब क्या हो गया नियम...?
इसे आगे हम एक उदाहरण के साथ समझाएंगे, लेकिन फिलहाल यह समझें कि अब यह व्यवस्था ख़त्म हो गई है, और केंद्रीय बजट 2024-25 के तहत प्रस्तावित नए नियमों के अंतर्गत अब इंडेक्सेशन बेनिफ़िट ख़त्म हो जाने के बाद लाभ सीधा-सीधा कैलकुलेट होगा, लेकिन उस पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG Tax) की दर को 20 फ़ीसदी से घटाकर 12.5 फ़़ीसदी कर दिया गया है. और हां, टैक्स की दरों में यह बदलाव भी बजट वाले दिन, यानी 23 जुलाई से ही प्रभावी हो गया है. हालांकि याद रहे, वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई संपत्ति के लिए इंडेक्सेशन बेनिफ़िट जारी रहेगा.
मिस्टर एक्स के उदाहरण से समझें बदलाव को...
आइए, अब इसे एक उदाहरण लेकर समझते हैं. यदि मिस्टर एक्स ने एक संपत्ति वर्ष 2003-04 में ₹10 लाख कीमत चुकाकर खरीदी थी, जिसे उन्होंने हाल ही में ₹44 लाख में बेचा. क़ायदे से देखें, तो मिस्टर एक्स ने इस संपत्ति पर ₹34 लाख या 340 फ़ीसदी लाभ कमाया, जिस पर टैक्स, यानी कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है. मौजूदा नियमों के अंतर्गत 20 फ़ीसदी कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है, लेकिन इसकी गणना के लिए कॉस्ट इन्फ़्लेशन इंडेक्स (CII) को बीच में लाकर लाभ का कैलकुलेशन किया जाता है. अब ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्ष 2003-04 में CII 109 था, और वर्ष 2023-24 में CII 348 है, जिनका अनुपात 3.19 गुणा बनता है (अनुपात निकालने के लिए बिक्री वाले साल के CII को खरीद वाले साल के CII से भाग देकर देखें). इस लिहाज़ से मिस्टर एक्स की संपत्ति की कीमत ₹10 लाख के स्थान पर ₹31.9 लाख मानी जाएगी, और उनका लाभ भी ₹34 लाख के स्थान पर सिर्फ़ ₹12.1 लाख माना जाएगा, जिस पर उन्हें 20 फ़ीसदी कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा, जो ₹2.42 लाख बनेगा.
लेकिन अब नए नियम के अंतर्गत मिस्टर एक्स को इस संपत्ति की कीमत को CII से जोड़कर कैलकुलेट करने की अनुमति नहीं है, और उन्हें समूचे ₹34 लाख रुपये के लाभ पर कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा. हालांकि अब इस टैक्स की दर को घटाकर 12.5 फ़ीसदी कर दिया गया है, लेकिन वह रकम भी ₹4.25 लाख बनेगी, जो अब तक के नियमों के अनुसार चुकाई जा रही रकम की तुलना में 75.6 फ़ीसदी ज़्यादा है.