भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को केंद्रीकृत वेब पोर्टल उद्ग्म पेश किया. इस पहल का मकसद लोगों को बिना दावे वाली राशि के बारे में पता लगाने और उसका दावा करने में मदद करना है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पोर्टल उद्ग्म (बिना दावा वाली जमाराशि - सूचना तक पहुंच का प्रवेश द्वार) पेश किया. इसे केंद्रीय बैंक ने तैयार किया है ताकि लोगों को एक ही स्थान पर कई बैंकों में अपनी बिना दावे वाली जमाराशियों की खोज करने में आसानी हो और वे उस पर अपना दावा कर सके.
पोर्टल पर वर्तमान में सात बैंकों में बिना दावे वाली जमाराशि के बारे में जानकारी उपलब्ध है.
- भारतीय स्टेट बैंक
- पंजाब नेशनल बैंक
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- धनलक्ष्मी बैंक
- साउथ इंडियन बैंक
- डीबीएस बैंक इंडिया
- सिटी बैंक
रिजर्व बैंक ने छह अप्रैल, 2023 को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिये एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल बनाने की घोषणा की थी.
लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि वह बिना दावे वाली जमाओं की संख्या में बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चला रहा है.
वेब पोर्टल शुरू होने से लोगों को अपने बिना दावे वाले जमा खातों की पहचान करने में मदद मिलेगी और वे या तो जमा राशि का दावा कर सकेंगे या अपने जमा खातों को अपने संबंधित बैंकों में चालू कर सकेंगे.
रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (आरईबीआईटी), भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं (आईएफटीएएस) और इसमें भाग लेने वाले बैंकों ने पोर्टल विकसित करने में सहयोग किया है.
जल्द ही अन्य बैंक भी जोड़े जाएंगे
बयान के अनुसार, वर्तमान में उपयोगकर्ता पोर्टल पर उपलब्ध सात बैंकों के संबंध में अपनी बिना दावे वाली जमा राशि का विवरण प्राप्त कर सकेंगे. पोर्टल पर अन्य बैंकों के लिये ऐसी राशि का पता लगाने की सुविधा चरणबद्ध तरीके से 15 अक्टूबर, 2023 तक उपलब्ध कराई जाएगी.
बैंकों में 35000 करोड़ रुपये बिना दावे वाले
उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी, 2023 तक लगभग 35,000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली जमा राशि आरबीआई को हस्तांतरित की थी. ये वे जमा खाते थे, जो 10 साल या उससे अधिक समय से संचालित नहीं थे.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 8,086 करोड़ रुपये के साथ बिना दावे वाली जमा राशि के मामले में शीर्ष पर है. इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (5,340 करोड़ रुपये), केनरा बैंक (4,558 करोड़ रुपये) और बैंक ऑफ बड़ौदा (3,904 करोड़ रुपये) का स्थान है.