गांवों और कस्बों में डिजिटल लेनदेन (Digital Transaction) को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक रूपरेखा जारी की. इसके तहत प्रति लेनदेन 200 रुपये तक के ऑफलाइन भुगतान की अनुमति दी गई है. इसकी कुल सीमा 2,000 रुपये होगी. ऑफलाइन डिजिटल भुगतान से तात्पर्य ऐसे लेनदेन से है जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती.
ऑफलाइन तरीके में भुगतान आमने-सामने किसी भी माध्यम मसलन कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों से किया जा सकता है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के लिए अतिरिक्त सत्यापन कारक (एएफए) की जरूरत नहीं होगी. चूंकि इनमें भुगतान ऑफलाइन होगा इसलिए ग्राहकों को SMS या ई-मेल के जरिये ‘अलर्ट' कुछ समय अंतराल बाद मिलेगा.
ऑफलाइन तरीके से छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान सुविधा की रूपरेखा में कहा गया है, ‘इसमें प्रत्येक लेनदेन की सीमा 200 रुपये होगी. इसकी कुल सीमा 2,000 रुपये होगी....'
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केंद्रीय बैंक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सितंबर, 2020 से जून, 2021 के दौरान पायलट आधार पर ऑफलाइन लेनदेन शुरू किया गया था. इसी पर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह रूपरेखा तैयार की गई है.
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘ऑफलाइन लेनदेन से कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन मिलेगा. विशेषरूप से गांवों और कस्बों में. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.'
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि ऑफलाइन भुगतान का इस्तेमाल ग्राहकों की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है.
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