HRA Exemption: अगर मकान मालिक PAN नंबर देने से मना कर दे तो क्या करें? जानें टैक्स बचाने का ये तरीका

HRA Exemption for Salaried Employees : हर सैलरीड एम्प्लॉई, जिसकी सैलरी ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत आता है, उसे HRA exemption का फायदा मिलता है. ये छूट Income Tax Act, 1961 के Section 10(13A) के तहत दी जाती है, जिससे आपका टैक्स बचता है.

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PAN Card for HRA Exemption: अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है, तो मकान मालिक का पैन कार्ड नंबर देना जरूरी हो जाता है.
नई दिल्ली:

अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं और किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA (House Rent Allowance) छूट आपके लिए एक बड़ा टैक्स बेनिफिट हो सकता है. कई सैलरीड लोग अपनी इनकम टैक्स बचाने (Tax Saving) के लिए हाउस रेंट अलाउंस छूट (HRA exemption) का फायदा उठाते हैं. अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं और एचआरए छूट का दावा करना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों को समझना जरूरी है.

सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 10(13A) के तहत यह सुविधा दी है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं. खासकर अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है, तो मकान मालिक का पैन कार्ड नंबर देना जरूरी हो जाता है.

मकान मालिक पैन नहीं देता तो HRA का फायदा ले सकते हैं?

लेकिन अगर मकान मालिक पैन नंबर नहीं देता या उसके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आप क्या कर सकते हैं? अगर आपका मकान मालिक PAN नंबर देने से मना कर दे, तो क्या आप HRA का फायदा नहीं ले सकते? बहुत से लोग इस दुविधा में पड़ जाते हैं कि उन्हें एचआरए छूट मिलेगी या नहीं. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका भी सॉल्यूशन है. आइए जानते हैं HRA exemption से जुड़ी पूरी डिटेल, ताकि आप बिना किसी दिक्कत के टैक्स बचा सकें.

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HRA Exemption क्या है और यह क्यों जरूरी है? 

हर सैलरीड एम्प्लॉई, जिसकी सैलरी ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत आता है, उसे एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) का फायदा मिलता है, ताकि वे अपने घर का किराया भर सकें. यह अलाउंस आपकी सैलरी का हिस्सा होता है और इस पर टैक्स छूट ली जा सकती है. ये छूट Income Tax Act, 1961 के Section 10(13A) के तहत दी जाती है, जिससे आपका टैक्स बचता है.

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इस बात पर ध्यान दें कि यह सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलती है जो किराए के मकान में रहते हैं और आपकी सैलरी में एचआरए दिया जा रहा है.  अगर आप अपने ही घर में रहते हैं या आपकी सैलरी में एचआरए शामिल नहीं है, तो आपको इस छूट का फायदा नहीं मिलेगा. हालांकि, कुछ विशेष मामलों में सेक्शन 80GG के तहत किराए पर राहत मिल सकती है, लेकिन उसकी अलग शर्तें होती हैं.  

अगर आप एचआरए छूट का फायदा उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे:  

  • सैलरी स्लिप :आपकी सैलरी स्लिप में HRA अलग से दिखना चाहिए.  
  • फॉर्म 16 : इसमें आपकी इनकम टैक्स डिटेल्स दी होती हैं और यह साबित करता है कि आपकी सैलरी में HRA शामिल है.  
  • रेंट एग्रीमेंट और किराए की रसीदें : सालभर में कम से कम 3-4 किराए की रसीदें जमा करनी होती हैं.  
  • मकान मालिक का पैन नंबर : अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से अधिक है, तो मकान मालिक का पैन नंबर अनिवार्य होता है.  

अगर मकान मालिक पैन नंबर नहीं दे रहा तो क्या करें?  

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर मकान मालिक मकान मालिक PAN देने से मना कर दे, तो क्या करें?सबसे पहल  ये जान लें कि अगर आपका मकान मालिक PAN देने से इनकार कर रहा है या उसके पास PAN ही नहीं है, तो भी आप HRA exemption ले सकते हैं. इसके लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:  

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1. Declaration Letter लें

अगर मकान मालिक के पास PAN नहीं है, तो उसे एक डिक्लेरेशन लेटर लिखकर देना होगा.इस लेटर में मकान मालिक का पूरा नाम, एड्रेस और किराए की डिटेल्स होनी चाहिए.इसमें क्लियर मेंशन होना चाहिए कि उसके पास PAN नहीं है. इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करें.

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2.इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को रिपोर्ट करें  

अगर मकान मालिक पैन नंबर होने के बावजूद नहीं देना चाहता, तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इसकी शिकायत कर सकते हैं.इसके लिए आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक लेटर लिख सकते हैं, जिसमें मकान मालिक के बारे में पूरी जानकारी  मकान मालिक के नाम, एड्रेस और किराए की डिटेल्स देनी होंगी. इनकम टैक्स अधिकारी इसकी जांच करके खुद PAN वेरिफाई कर सकते हैं.

3. बैंक ट्रांसफर से करें रेंट पेमेंट

आप किराए का भुगतान Cash में करने से बचें, क्योंकि इससे टैक्स छूट का दावा करना मुश्किल हो सकता है. हमेशा किराए की रकम बैंक ट्रांसफर, UPI या चेक से ही पेमेंट करें, ताकि आपके पास ट्रांजैक्शन का प्रूफ रहे.इससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए वेरिफिकेशन आसान हो जाता है.

इस तरह अगर आपका मकान मालिक पैन नंबर देने से इनकार कर रहा है या उसके पास पैन कार्ड नहीं है, तो डिक्लेरेशन लेटर जमा करके, बैंक ट्रांसफर से किराया देकर और जरूरत पड़ने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सूचित करके आप अपनी एचआरए छूट का दावा कर सकते हैं.  

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