- सरकार ने आयकर नियमों के तहत 80 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को पैन और आधार लिंकिंग से छूट दी है
- भारत के निवासी नहीं होने वाले NRI व्यक्तियों को भी पैन और आधार लिंकिंग की आवश्यकता नहीं होती है
- असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के निवासियों को फिलहाल पैन और आधार लिंकिंग नियम से बाहर रखा गया है
PAN-Aadhaar Link: अगर आप अभी भी इस उलझन में हैं कि क्या आपको अपना पैन और आधार लिंक करना जरूरी है, तो यह खबर आपके लिए है. सरकार ने कुछ खास लोगों को इस प्रोसेस से बाहर रखा है. जानिए क्या आप भी इस एग्जेंप्शन लिस्ट में शामिल हैं?
इन कैटेगरी के लोगों को मिली है बड़ी राहत
आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, नीचे बताए गए लोगों के लिए पैन-आधार लिंक करना जरूरी नहीं है-
- 80 साल या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग
- सुपर सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आने वाले लोगों को इससे छूट दी गई है.
- NRI
- आयकर अधिनियम के अनुसार जो लोग भारत के निवासी नहीं हैं, उन्हें लिंकिंग की जरूरत नहीं है.
स्पेसिफिक राज्यों के निवासी
असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के निवासियों को फिलहाल इस नियम से बाहर रखा गया है.
माइनर्स और जॉइंट होल्डर्स का क्या?
अक्सर लोगों को लगता है कि बच्चों या जॉइंट अकाउंट वालों को छूट है, लेकिन यहां पेच है.
- अगर किसी बच्चे की उम्र 18 साल से कम है और उसके पास PAN कार्ड है और वह टैक्स के दायरे में आता है, तो उसके लिए भी लिंकिंग जरूरी हो सकती है. हालांकि, ज्यादातर मामलों में बच्चों का PAN माता-पिता से जुड़ा होता है.
- अगर बैंक खाता जॉइंट है, तो इसका मतलब यह नहीं कि छूट मिलेगी. खाते से जुड़े हर व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से अपना पैन-आधार लिंक करना होगा, अगर वे ऊपर दी गई छूट वाली कैटेगरी में नहीं आते.
अगर लिंक नहीं किया तो क्या होगा?
अगर आप छूट की श्रेणी में नहीं आते और फिर भी लिंक नहीं किया, तो आपका पैन इनॉपरेटिव यानी अप्रभावी हो जाएगा. इसके नुकसान भारी पड़ सकते हैं, मसलन-
- आपका पेंडिंग टैक्स रिफंड रुक जाएगा.
- रिफंड पर मिलने वाला ब्याज नहीं मिलेगा.
- टीडीएस ऊंची दर पर कटेगा.
अगर आप ऊपर दी गई किसी भी छूट वाली कैटेगरी में आते हैं, लेकिन भविष्य में आपकी स्थिति बदलती है (जैसे आप NRI से रेजिडेंट बनते हैं), तो आपको तुरंत लिंकिंग कर लेनी चाहिए.














