देशभर में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लेकर लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है. देश में जैसे ही चुनाव का समय आता है, यह मुद्दा जोर पकड़ लेता है. इस दौरान अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां पुरानी पेंशन योजना को वापस लागू करने का वादा करती हैं. हाल में कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू भी किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि शामिल हैं. वहीं, कई राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना लागू करने का दावा कर रही हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर पुरानी पेंशन योजना क्या है और इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को किस तरह के फायदे दिए जाते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बार में...
पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या है?
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी. इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी. हालांकि, इस स्कीम को 1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया.
पुरानी पेंशन स्कीम के फायदे
- इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है.
- इस स्कीम में पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दिया जाता है.
- इस स्कीम के जरिये रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलों की रिम्बर्समेंट की सुविधा भी दी जाती है.
- इस स्कीम में रिटायर्ड हुए कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है.