नया महीना शुरू होने के साथ-साथ नए वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल, 2022 से हो चुकी है. इसके साथ ही कई बड़े और अहम बदलाव हो रहे हैं. इन बदलावों का असर आम लोगों पर सीधे पड़ने वाला है. टैक्स, बैंकों के नियम, जीएसटी और पीएफ खाते समेत कई अहम क्षेत्रों में बदलाव होंगे या नए नियम लागू हो जाएंगे. आइए उन नियमों और बदलावों के बारे में जान लेते हैं, जो आपको सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे.
घर का सपना होगा महंगा
घर खरीदने का सपना देख रहे हैं तो अब ये थोड़ा महंगा साबित हो सकता है. 1 अप्रैल से घर खरीदने वालों को केंद्र सरकार पहली धारा 80EEA के तहत टैक्स छूट का लाभ देना बंद करने जा रही है.
पोस्ट ऑफिस के नियम
Post Office की Small Savings Schemes में इन्वेस्ट करने वालों के लिए अहम बदलाव होने जा रहे हैं. इस साल 1 अप्रैल से पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS), टर्म डिपॉजिट अकाउंट्स और सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) के ब्याज का पैसा सेविंग अकाउंट में ही मिलेगा. पोस्ट ऑफिस जाकर कैश में ब्याज का पैसा नहीं लिया जा सकेगा. सेविंग खाते से लिंक करा लेने पर ब्याज की राशि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ट्रांसफर हो जाएगी. बता दें कि सरकार ने MIS, एससीएसएस, टाइम डिपॉजिट खातों के मामले में मासिक, त्रैमासिक और सालाना ब्याज जमा करने के लिए बचत खाते के उपयोग को कंपलसरी कर दिया है.
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PF खाते पर टैक्स
केंद्र 1 अप्रैल से आयकर के नए कानूनों को लागू करने जा रहा है. 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा पीएफ अकाउंट (PF Account) को दो भागों में बांट दिया जाएगा, जिस पर अब टैक्स भी लगेगा. अब EPF अकाउंट में 2.5 लाख की राशि तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है. अगर इससे ज्यादा योगदान हुआ तो ब्याज आय पर टैक्स लगेगा. वहीं, गवर्नमेंट एम्पलॉईज के GPF में टैक्स फ्री योगदान की सीमा 5 लाख रुपये सालाना रखा गया है.
इन बैंकों के नियमों में बदलाव
1 अप्रैल 2022 से एक्सिस बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है. एक्सिस बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक अब चार ही फ्री ट्रांजैक्शन होंगे. वहीं, नए वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक PPS को लागू करने जा रहा है. 4 अप्रैल से 10 लाख और उससे अधिक के चेक के लिए वेरिफिकेशन जरूरी होगा.
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म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम
1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम में भी बदलाव होने जा रहा है. इस बदलाव के मुताबिक इस साल 1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको सिर्फ UPI या नेट बैंकिंग के जरिये ही पेमेंट करना होगा.
GST नियम में बदलाव
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने GST के तहत ई-चालान जारी करने के लिए टर्नओवर की लिमिट को पहले तय लिमिट 50 करोड़ रुपये से कम करके 20 करोड़ रुपये कर दिया है, इस नियम को भी अप्रैल की पहली तारीख से लागू किया जाना है.