New Gratuity Rules: अब 1 साल की नौकरी पर भी ग्रेच्‍युटी! पर मिलेगी कितनी, उसका फॉर्मूला भी जान लीजिए

मान लीजिए आपने नवंबर 2020 में कोई नौकरी ज्‍वाइन की थी और नवंबर 20025 में रिजाइन किया. आपकी अंतिम सैलरी 1 लाख रुपये थी, जिसमें बेसिक सैलरी 50,000 रुपये थी. ऐसे में आपकी ग्रेच्‍युटी होगी: 1,44,230 रुपये.

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देश में 4 नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) के लागू हो जाने के बाद इसकी खूब चर्चा हो रही है. ये नए कानून, 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह लेंगे. 5 साल पहले ये नए लेबर कोड (New Labour Codes) बनाए गए थे. नए कानूनों में हर कर्मी को नियुक्ति पत्र देना, न्‍यूनतम वेतन में स्किल्‍ड और अनस्किल्‍ड का भेद खत्‍म करना, सोशल सिक्‍योरिटी, गिग वर्कर्स का इंश्‍योरेंस, म‍हिलाओं को नाइट शिफ्ट, कैब और सुरक्षा, ओवरटाइम पर दोगुने वेतन जैसे कई ऐसे सुधार शामिल हैं, जो करोड़ों कर्मचारियों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं. इन्‍हीं सुधारों में से एक नियम ग्रेच्‍युटी को लेकर भी है.

1 साल नौकरी पर भी ग्रेच्‍युटी

ग्रेच्युटी के नए नियमों की खूब चर्चा हो रही है. नए कोड्स के तहत, अब एक साल काम करने वाले कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाएगा. पहले ग्रेच्‍युटी के लिए किसी कंपनी में लगातार कम से कम 5 साल तक नौकरी करना जरूरी होता था. अब कोई कर्मचारी, जिसने किसी कंपनी में एक साल निरंतर सेवा दी है तो वो भी ग्रेच्‍युटी पाने का अधिकारी होगा.

पहले क्‍या था ग्रेच्‍युटी का नियम?

ग्रेच्‍युटी को सामान्‍य तौर पर एक तरह से वफादारी का प्रतीक माना जाता रहा है. एक ही कंपनी में लगातार निष्‍ठापूर्वक काम करने का इनाम. हालांकि पहले ये सीमा 5 साल की थी तो ऐसा माना जाता रहा. अब तो आप एक साल भी नौकरी करते हैं तो आप ग्रेच्‍युटी पाने के पात्र होंगे. सरकारी कर्मियों को ग्रेच्युटी आमतौर पर रिटायरमेंट के समय मिलती है. हालांकि प्राइवेट कंपनी में 5 साल की नौकरी करनेवालों को भी ग्रेच्‍युटी दी जाती है. या फिर नौकरी के दौरान कर्मी के साथ किसी तरह की अनहोनी होने की स्थिति में ग्रेच्‍युटी दी जाती है. अब ये सीमा घटाकर एक साल कर दी गई है.

अगर आपने नौकरी के दौरान कंपनी/संस्थान की किसी प्रॉपर्टी का नुकसान किया है तो उस नुकसान की भरपाई भी आपकी ग्रेच्युटी से की जा सकती है.

कितनी मिलेगी ग्रेच्‍युटी, क्‍या है फॉर्मूला?

ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला बड़ा आसान है. ये आपकी मंथली बेसिक सैलरी और नौकरी के साल पर निर्भर करता है. इसका फॉर्मूला जान लीजिए:

  • टोटल ग्रेच्युटी = (अंतिम बेसिक मंथली सैलरी ) x (15/26) x (नौकरी के वर्ष)

उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने नवंबर 2020 में कोई नौकरी ज्‍वाइन की थी और नवंबर 20025 में रिजाइन किया. आपकी अंतिम सैलरी 1 लाख रुपये थी, जिसमें बेसिक सैलरी 50,000 रुपये थी. ऐसे में आपकी ग्रेच्‍युटी होगी:

50,000 x (15/26) x 5 = 1,44,230 रुपये

आपके मन में ये सवाल भी उठ सकता है कि फॉर्मूले में ये 26 अंक कहां से आया. दरअसल साल के 11 महीने में 30 या 31 दिन होते हैं, जबकि फरवरी में 28 या 29 दिन. लेकिन लेबर कोड के अनुसार, कम से कम 4 साप्‍ताहिक छुट्टियों को माइनस करें तो ये 26 होता है. फॉर्मूले में 26 यहीं से आया.

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अब मान लीजिए कि किसी ने आज की तारीख में यानी नवंबर 2025 में 70,000 रुपये बेसिक सैलरी वाली नौकरी ज्‍वाइन की है और एक साल बाद वो नवंबर 2026 में रिजाइन कर देता है, तो उसे उस समय ग्रेच्‍युटी मिलेगी:

  • 70,000x (15/26) x 1 = 40,385 रुपये

यानी कुल मिलाकर आपका नुकसान नहीं होने वाला है. आपके चाहे 5 साल की नौकरी न भी की हो, एक साल, दो साल या तीन साल ही सेवा दी हो, तो भी आपको ग्रेच्‍युटी दी जाएगी.

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