बैंक अकाउंट में नॉमिनी जोड़ना क्यों है जरूरी? जानिए नए नियम और इसके फायदे

RBI ने बैंकों को कहा है कि नॉमिनेशन से जुड़ी हर रिक्वेस्ट चाहे रजिस्ट्रेशन, कैंसिलेशन या अपडेट तीन वर्किंग डेज में प्रोसेस करनी होगी. साथ ही बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे ग्राहकों के पासबुक, अकाउंट स्टेटमेंट और फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीट पर Nomination Registered का स्टेटस दिखाएं.

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Bank Nomination Rules: रिजर्व बैंक कि नॉमिनी न देने की वजह से बैंक किसी ग्राहक को अकाउंट खोलने से मना नहीं कर सकता.
नई दिल्ली:

अगर आपने अभी तक अपने बैंक अकाउंट में नॉमिनी नहीं जोड़ी है, तो अब यह खबर आपके लिए जरूरी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे हर ग्राहक को अकाउंट खोलते वक्त नॉमिनी जोड़ने की सुविधा और उसके फायदे के बारे में विस्तार से बताएं. 

अब बैंक बताएंगे नॉमिनी जोड़ने का फायदा

RBI के नए नियम के मुताबिक, बैंक को यह समझाना होगा कि नॉमिनी रखने से अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में पैसे का ट्रांसफर बिना किसी कानूनी झंझट के आसानी से हो जाता है.

क्या अब नॉमिनी देना जरूरी है?

RBI के नए निर्देशों के मुताबिक, बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे ग्राहक को नॉमिनी जोड़ने या नॉमिनी न जोड़नेदोनों का विकल्प दें. यानी, अगर कोई ग्राहक नॉमिनी नहीं जोड़ना चाहता, तो उसे लिखित रूप में यह बताना होगा. अगर वह लिखित रूप से मना करता है, तो बैंक को इस बात को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करना होगा.

हालांकि, सिर्फ नॉमिनी न देने की वजह से बैंक किसी ग्राहक को अकाउंट खोलने से मना नहीं कर सकता, बशर्ते बाकी सभी शर्तें पूरी हों.

अगर नॉमिनी की मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?

नए नियमों में यह भी बताया गया है कि अगर किसी अकाउंट में एक से ज्यादा नॉमिनी हैं और उनमें से किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति की नॉमिनेशन अपने आप निरस्त मानी जाएगी. ऐसे मामलों में बैंक RBI के Settlement of Claims Directions, 2025 के तहत क्लेम का निपटारा करेंगे. यानी, अगर कोई वैलिड नॉमिनेशन नहीं बचा है, तो बैंक उन्हीं दिशानिर्देशों के हिसाब से आगे की प्रक्रिया पूरी करेगा.

पासबुक और स्टेटमेंट में दिखेगा नॉमिनी का नाम

अब बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे ग्राहकों के पासबुक, अकाउंट स्टेटमेंट और फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीट पर Nomination Registered का स्टेटस दिखाएं. साथ ही, नॉमिनी का नाम भी इन दस्तावेजों में साफ तौर पर लिखा जाएगा ताकि किसी भी समय जानकारी में कन्फ्यूजन न रहे.

3 दिन में मिलना चाहिए जवाब

RBI ने बैंकों को यह भी कहा है कि नॉमिनेशन से जुड़ी हर रिक्वेस्ट चाहे रजिस्ट्रेशन, कैंसिलेशन या अपडेट तीन वर्किंग डेज में प्रोसेस करनी होगी. अगर किसी वजह से बैंक नॉमिनेशन रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करता है, तो ग्राहक को उसी पीरिएड में लिखित रूप से कारण बताना होगा.

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नॉमिनी जोड़ना क्यों जरूरी है?

कई बार किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद परिवार को बैंक से पैसे निकालने में लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. लेकिन अगर अकाउंट में नॉमिनी जुड़ा हो, तो बैंक सीधे उसी व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर कर देता है. इससे परिवार को आर्थिक मदद मिलने में देरी नहीं होती. यही वजह है कि RBI लगातार ग्राहकों को नॉमिनी जोड़ने की सलाह देता है.

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