केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने इस साल रेपो रेट में 1.25% की कटौती की है. फरवरी से दिसंबर तक इसने 4 बार की मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में ये राहत दी है. 3 से 5 दिसंबर तक चली मीटिंग में इसने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% की कटौती की, जिससे रेपो रेट 5.25% कर दिया है. इसका फायदा आम लोगों तक भी पहुंचना शुरू हो चुका है. कुछ बैंकों ने होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) जैसे रेपो लिंक्ड लोन्स पर ब्याज दरें घटा दी हैं. यानी आम लोगों को लोन लेने पर अब कम EMI देनी होगी.
RBI के रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के फैसले से हाउसिंग डिमांड को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि होम लोन रेट्स के कोरोना महामारी के दौरान के स्तर तक कम हो सकते हैं.
कितना कम हो जाएगा ब्याज?
कर्ज लेने वालों को होम लोन के इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का फायदा मिल सकता है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने तो लोन के इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी कर दी है. मौजूदा समय में कई पब्लिक सेक्टर बैंक 7.35% की दर पर होम लोन ऑफर कर रहे हैं, जिसके आरबीआई के फैसले के बाद 7.1% होने की उम्मीद की जा रही है. इनमें यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं.
1 करोड़ के लोन पर कितनी EMI
एनालिस्ट के अनुसार, 15 वर्षों की अवधि के लिए 1 करोड़ रुपये के होम लोन पर 0.25% की कटौती के बाद हर महीने की EMI अब 1,440 रुपये तक कम हो जाएगी. इसी तरह 50 लाख रुपये के होम लोन की ईएमआई पर करीब 700 रुपये की बचत होगी.
बैंकर्स का कहना है कि नए लोन का रेट 7.1% होगा इसलिए बैंको को डिपॉजिट रेट्स में भारी कटौती करनी होगी या बेंचमार्क पर ब्याज दरों में संशोधन करना होगा. इससे नए उधारकर्ताओं को मौजूदा फ्लोटिंग-रेट ग्राहकों की तुलना में अधिक भुगतान करना पड़ेगा.
जब तक जमा दरों में कमी नहीं आती तब तक बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन में कमी आने की संभावना है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को लोअर फंडिंग कॉस्ट से तत्काल लाभ मिलने की संभावना है.
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ब्याज दरों में कटौती का फायदा
एनालिस्ट का कहना है कि आरबीआई का न्यूट्रल स्टांस और इसका ओपन मार्केट ऑपरेशन्स परचेस सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी को बनाए रखेंगे और ब्याज दरों में कटौती के फायदे को ग्राहकों तक पहुंचाने में मददगार होंगे.
आरबीआई ने 1 लाख करोड़ रुपये के ओपन मार्केट ऑपरेशन्स परचेस और 5 अरब डॉलर के 3-ईयर यूएसडी/आईएनआर खरीद-बिक्री स्वैप की योजना को पेश किया, जिससे लगभग 1.45 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आने की उम्मीद है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने कम कर दी ब्याज दर
केंद्रीय बैंक RBI के फैसले के बाद शनिवार को पब्लिक सेक्टर के बैंक ने भी अपनी लेंडिंग रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% की कमी कर दी. बैंक ऑफ बड़ौदा ने रेपो बेस्ड लेंडिंग रेट (BRLLR) को 8.15% से घटाकर 7.90% कर दिया है. यानी आरबीआई ने जिस तरह 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, उसी तरह बैंक ने भी लेंडिंग रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी कर दी. ये नई दरें 6 दिसंबर 2025 से लागू हो गई हैं. बैंक का मार्कअप 2.65% पहले जैसा ही रहेगा.
क्या होता है रेपो रेट?
बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर बैंक RBI से पैसे कर्ज लेते हैं. जब बैंकों को कैश की कमी होती है, तो वे सरकारी बॉन्ड गिरवी रखकर RBI से कर्ज लेते हैं. उस कर्ज पर RBI ब्याज वसूलता है. आरबीआई जिस दर से ब्याज लेता है, वो दर रेपो रेट कहलाती है. RBI के रेपो रेट बढ़ाने का मतलब है कि बैंक के लिए कर्ज/लोन/उधार लेना महंगा हो जाता है. RBI रेपो रेट घटाता है तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है और बैंक ग्राहकों को भी सस्ता कर्ज देते हैं. बता दें कि आरबीआई ने फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में 4 किस्तों में कुल 1.25 फीसदी की कटौती की है.
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