Green Firecrackers License: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को दिवाली से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के मौके पर होने वाली आतिशबाजी पर लगाया गया बैन हटा दिया और ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत दे दी है. यानी अब दिल्ली में लोग ग्रीन पटाखे खरीद सकते हैं और दुकानदार इन्हें बेच भी सकते हैं. हालांकि कई छोटे दुकानदारों के मन में सवाल है कि आखिर वो कैसे ग्रीन पटाखे बेच सकते हैं और इसके लिए उन्हें क्या करना होगा. आइए हम आपको बताते हैं कि ग्रीन पटाखे बेचने के लिए दिल्ली में क्या नियम हैं.
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
- ग्रीन पटाखे आम पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाने वाले होते हैं, इनसे करीब 30% कम पॉल्यूशन होता है.
- इन पटाखों की आवाज भी बाकी पटाखों के मुकाबले थोड़ी कम होती है.
- ग्रीन पटाखों में नाइट्रेट, सल्फर और बोरियम की मात्रा काफी कम होती है और ये तीन तरह के होते हैं.
- सफल ग्रीन पटाखे सुरक्षित माने जात हैं और इनमें कम मात्रा में एल्युमिनियम का इस्तेमाल होता है.
- स्टार ग्रीन पटाखों में पोटेशियम, नाइट्रेट और सल्फर काफी कम होता है और धुआं कम निकलता है.
- स्वास ग्रीन पटाखों में धमाके के साथ पानी की हल्की बूंदे भी बाहर निकलती हैं, जो हानिकारक कणों को सोखती है.
ग्रीन पटाखे बेचने के लिए क्या करना होगा?
अब उस सवाल पर आते हैं कि आखिर इन ग्रीन पटाखों को कौन बेच सकता है और इसके लिए क्या करना होगा. दरअसल पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, ज्यादातर ऐसा काम करने वालों के पास ये होता है, लेकिन ग्रीन पटाखों के लिए अलग से इजाजत की जरूरत होती है. इसे लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी देते हुए बताया है कि जिन लोगों के पास ग्रीन पटाखे बेचने का लाइसेंस नहीं है, वो लोग जिला मजिस्ट्रेट यानी डीएम से लाइसेंस ले सकते हैं.
ऐसा करने पर सस्पेंड हो जाएगा लाइसेंस
दिवाली पर या इससे एक दिन पहले अगर किसी दुकानदार ने ग्रीन पटाखों के अलावा दूसरे पटाखे बेचे तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा, साथ ही दुकान पर ताला लगाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर सख्त नियम तय किए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इसकी कड़ी निगरानी कर रहा है. दिल्ली-एनसीआर में बाहरी राज्यों से भी पटाखे लेकर आने की मनाही है.