केंद्र सरकार पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) बढ़ाकर खुशखबरी दे चुकी है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को अगले महीने से जुलाई से बढ़ा हुआ डीए और डीआर मिलने वाला है. जुलाई, 2021 से भत्ते की दर को 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है. इसके बाद कई राज्यों ने भी डीए बढ़ाने की घोषणा कर दी है. बता दें कि बढ़ा हुआ डीए और डीआर देने के लिए केंद्र के सरकारी खजाने पर 34,401 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. यह वृद्धि डेढ़ साल के अंतराल पर की गयी है और इससे केंद्र सरकार के करीब 1.14 करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को लाभ होगा.
यूपी ने भी बढ़ाया भत्ता
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को वित्त विभाग की राज्य कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए देने के निर्देश दिए हैं. यूपी ने भी केंद्र की तर्ज पर डीए की दर में 11 फीसदी की बढ़ोतरी की है. सरकार की कोशिश है कि जुलाई के वेतन के साथ ही उनका बढ़ा हुआ डीए दिया जाए, लेकिन कुछ विभागों में इसमें देरी हो सकती है, ऐसे में कुछ विभागों के कर्मचारियों को अगस्त के वेतन के साथ सैलरी बढ़े हुए एरियर के साथ मिलेगी.
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झारखंड की घोषणा
झारखंड सरकार ने भी अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई से 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है. इसी तरह 1 जनवरी 2016 से पुनरीक्षित/प्रभावी राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनधारियों को भी पहली जुलाई 2021 से महंगाई राहत की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई.
कर्नाटक में मंहगाई भत्ता 11.25 प्रतिशत से 21.20 प्रतिशत किया गया
कर्नाटक सरकार ने महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्तें जारी करने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने मंगाई भत्ते को जनवरी 2020 से जून 2021 की अवधि के लिए मौजूदा 11.25 प्रतिशत से संशोधित करके 21.5 प्रतिशत कर दिया है.
एक सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘सरकार को एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 की अवधि के लिए महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्तें जारी करते हुए प्रसन्नता है. तदनुसार, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 2018 के संशोधित वेतनमान में देय महंगाई भत्ते की दरों को मूल वेतन के मौजूदा 11.25 प्रतिशत से एक जुलाई, 2021 से संशोधित करके 21.50 प्रतिशत किया जाएगा.'
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सरकार ने 1 जुलाई, 2021 से राज्य सरकार के पेंशनभोगियों या पारिवारिक पेंशनभोगियों और सहायता प्राप्त उन शैक्षणिक संस्थानों के पेंशनभोगियों या पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते की दरों को मौजूदा 11.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 21.50 प्रतिशत करने की भी घोषणा की जिनकी पेंशन या पारिवारिक पेंशन का भुगतान राज्य की संचित निधि से किया जाता है. ये आदेश यूजीसी/एआईसीटीई/आईसीएआर के वेतनमान पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर भी लागू हैं और पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारियों, जिला पंचायतों के कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों के पूर्णकालिक कर्मचारियों पर लागू होंगे जो नियमित वेतनमान पर हैं.
राजस्थान ने भी 28 फीसदी किया महंगाई भत्ता
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट के जरिये बताया कि ‘राजस्थान सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 17 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है.' महंगाई भत्ते की नई दर एक जुलाई, 2021 से प्रभावी होगी. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपने इस फैसले को लागू करने के लिए सालाना 4,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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डेढ़ सालों से नहीं दिया गया था डीए और डीआर
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने डीए और डीआर की तीन अतिरिक्त किस्तों को रोक लिया था. ये किस्तें एक जनवरी, 2020, एक जुलाई, 2020 और एक जनवरी, 2021 से बकाया थीं. हालांकि, इस बार बकाये का भुगतान नहीं किया जाएगा क्योंकि एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के लिए डीए/डीआर दर मूल वेतन/पेंशन पर 17 प्रतिशत की दर पर बनी रहेगी. डीए और डीआर की बढ़ी दर का जुलाई 2021 से भुगतान किया जाएगा.
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर वित्त वर्ष 2021-22 (जुलाई, 2021 से फरवरी, 2022 तक आठ महीने की अवधि के लिए) में 22,934.56 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और प्रति वर्ष 34,401.84 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)