कोलकाता महानगरीय क्षेत्र (KMA) में इस साल जनवरी से सितंबर 2025 के बीच फ्लैट और अपार्टमेंट रजिस्ट्रेशन में 32% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल 46,742 यूनिट्स का पंजीकरण हुआ, जो 2020 के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
सितंबर 2025 में ही दर्ज हुए 5,302 रजिस्ट्रेशन
सितंबर महीने में 5,302 घरों का पंजीकरण हुआ- जो सालाना आधार पर 6% की वृद्धि है. हालांकि, अगस्त की तुलना में इसमें 14% की कमी दर्ज की गई, जिसकी वजह मॉनसून और पिछले महीने का ऊंचा बेस बताया जा रहा है. इसमें नई बिक्री (प्राइमरी) और पुनर्विक्रय (सेकेंडरी) दोनों तरह के सौदे शामिल हैं.
बड़े घरों की बढ़ी मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता के घर खरीदार अब बड़े स्पेस वाले घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं. सितंबर 2025 में 500 से 1,000 वर्ग फुट आकार वाले फ्लैट कुल रजिस्ट्रेशन का 53% रहे (सितंबर 2024 में यह 43% था). 1,000 वर्ग फुट से बड़े घरों का हिस्सा 14% तक पहुंच गया (पिछले साल केवल 5%). वहीं 500 वर्ग फुट से छोटे घरों की हिस्सेदारी 33% रही.
यह प्रवृत्ति कोविड-19 महामारी के बाद बदले लाइफस्टाइल को दर्शाती है, जहां लोग वर्क फ्रॉम होम, पारिवारिक सुविधा और दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए अधिक जगह वाले घर पसंद कर रहे हैं.
दक्षिण कोलकाता में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन
दक्षिण कोलकाता ने 38% हिस्सेदारी के साथ सबसे अधिक घर पंजीकरण दर्ज किया. इस जोन में बेहला, जादवपुर, कासबा, सोनारपुर और ठाकुरपुकुर प्रमुख क्षेत्र रहे. उत्तर कोलकाता ने 34% हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान हासिल किया.
रिपोर्ट में बताया गया कि कुल पंजीकरणों में से 52% शीर्ष 10 माइक्रो मार्केट्स से आए हैं. इनमें राजारहाट और डम डम जैसे इलाके अपनी बेहतरीन मेट्रो कनेक्टिविटी, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और किफायती दामों की वजह से घर खरीदारों की पहली पसंद बने हुए हैं.
नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक, आने वाले महीनों में यह रुझान बरकरार रह सकता है, क्योंकि कोलकाता में मध्यमवर्गीय और पहली बार घर खरीदने वाले ग्राहकों की मांग लगातार बढ़ रही है.














