टैक्सपेयर्स के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से एक अच्छी खबर है. विभाग ने घोषणा की है कि इस महीने यानी अगस्त में टैक्स रिटर्न भरते (ITR Filing) समय जिन करदाताओं से ब्याज और लेट फीस यानी विलंब शुल्क लिया गया है, उन्हें उनके पैसे लौटा दिए जाएंगे. दरअसल, आईटी रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ गई है, लेकिन आईटी विभाग के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते पहले वाली डेडलाइन के बाद रिटर्न भरने पर लेट फीस लग रही थी, जिसे लेकर करदाताओं ने शिकायत की थी.
इसके बाद आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि वह सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते 2020-21 का रिटर्न भरते समय करदाताओं से लिये गये ब्याज और विलंब शुल्क को लौटाएगा.
डेडलाइन बढ़ाए जाने के बावजूद ली जा रही थी लेट फीस
दरअसल, महामारी के दौरान करदाताओं को अनुपालन संबंधी राहत देने के इरादे से पिछले वित्त वर्ष के आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई, 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया गया है. हालांकि, कुछ करदाताओं ने यह शिकायत की थी कि 31 जुलाई, 2021 के बाद भरे गये आयकर रिटर्न पर उनसे ब्याज और विलंब शुल्क वसूले गये.
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आईटी विभाग ने किया ट्वीट
विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि आयकर अधिनियम की धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234 एफ के तहत विलंब शुल्क की गलत गणना से जुड़ी खामी को दूर करने के लिए आईटीआर सॉफ्टवेयर को एक अगस्त को ठीक कर दिया गया.
आयकर विभाग ने लिखा है, ‘करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे आईटीआर सॉफ्टवेयर के नवीनतम संस्करण का उपयोग करें या ऑनलाइन फाइल करें. यदि, किसी भी तरह से किसी ने पहले ही इस तरह के गलत ब्याज या विलंब शुल्क के साथ आईटीआर जमा कर दिया है, तो सीपीसी-आईटीआर पर प्रसंस्करण करते समय इसकी सही गणना की जाएगी और भुगतान की गई अतिरिक्त राशि अगर होगी, तो उसे वापस कर दिया जायेगा.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)