सीनियर सिटीजन के लिए राहत, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में नहीं होगी सालाना 10% से अधिक बढ़ोतरी

Health Insurance Policy: IRDAI ने यह साफ किया है कि कोई भी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट को बंद करने से पहले नियामक से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पॉलिसीधारकों को अचानक किसी योजना से वंचित न होना पड़े.

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Health Insurance Premium Hike: बीमा कंपनियों को अगर किसी स्थिति में प्रीमियम में 10% से अधिक की बढ़ोतरी करनी हो, तो इसके लिए IRDAI से अनुमति लेनी होगी.
नई दिल्ली:

सीनियर सिटीजन  के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) अब अधिक किफायती रहेगा. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम  (Health Insurance Premium) में सालाना 10% से अधिक बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगी.

अगर किसी स्थिति में प्रीमियम में 10% से अधिक की बढ़ोतरी करनी हो, तो इसके लिए बीमा कंपनियों को IRDAI से अनुमति लेनी होगी.  

इंश्योरेंस प्रीमियम में मनमानी बढ़ोतरी पर रोक  

IRDAI ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि हाल के वर्षों में कुछ इंश्योरेंस कंपनियों ने वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में अचानक भारी बढ़ोतरी की. इससे बड़ी उम्र के लोगों को इंश्योरेंस करवाने या रिन्यू कराने (Insurance Policy Renewal) में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. अब इस नए नियम के तहत, कंपनियां बिना उचित कारण और अनुमति के प्रीमियम में 10% से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकेंगी.  

इंश्योरेंस प्रोडक्ट वापस लेने से पहले लेनी होगी अनुमति  

IRDAI ने यह भी साफ किया है कि कोई भी इंश्योरेंस कंपनी किसी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट (Health Insurance Product) को बंद करने से पहले नियामक से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पॉलिसीधारकों को अचानक किसी योजना से वंचित न होना पड़े और उनके पास बीमा कवर बना रहे.  

अस्पतालों की सूची और पैकेज तय करने के निर्देश  

IRDAI ने बीमा कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए कदम उठाएं. इसके अलावा, बीमा कंपनियों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) की तर्ज पर स्वास्थ्य पैकेज (Health Plans) तय करने के लिए भी बातचीत करनी होगी. इससे बीमाधारकों को एक समान और पारदर्शी इलाज की सुविधा मिल सकेगी.  

नए नियमों का असर  

इस नए फैसले से वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी और वे बिना ज्यादा वित्तीय बोझ के अपनी हेल्थ पॉलिसी (Health Insurance Policy) जारी रख सकेंगे. साथ ही, बीमा कंपनियों को अब प्रीमियम बढ़ाने और पॉलिसी वापस लेने से पहले नियामक से विचार-विमर्श करना होगा, जिससे ग्राहकों के हितों की सुरक्षा होगी.  
 

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