रेलवे ने इमरजेंसी कोटे के नियमों में किया बदलाव, इमरजेंसी ट्रेन टिकट के लिए पहले करना होगा ये काम

Indian Railways Emergency Quota New Rules:इमरजेंसी कोटा रेलवे की एक विशेष व्यवस्था है, जिसके तहत कुछ सीटें आखिरी समय के लिए बचाकर रखी जाती हैं. यह कोटा खासकर VIP, मेडिकल केस, रेलवे कर्मचारी या अन्य जरूरी यात्रियों के लिए होता है, जिन्हें इमरजेंसी में यात्रा करनी पड़ती है.

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Emergency Quota in Railway:अब ट्रेन खुलने वाले दिन अगर आप EQ के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.
नई दिल्ली:

अगर आप ट्रेन से सफर करने जा रहे हैं और इमरजेंसी कोटे के तहत सीट पाने की सोच रहे हैं, तो अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. भारतीय रेलवे ने इमरजेंसी कोटा से जुड़ी टिकट बुकिंग प्रोसेस को और सख्त कर दिया है. अब EQ यानी इमरजेंसी कोटा के तहत सीट पाने के लिए तय समय से पहले रिक्वेस्ट भेजनी होगी, वरना आपकी एप्लिकेशन खारिज कर दी जाएगी.

रेल मंत्रालय ने हाल ही में यह फैसला लिया है कि अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए EQ से जुड़ी बुकिंग की टाइमिंग भी बदल दी गई है.

कब तक भेजनी होगी इमरजेंसी कोटा की रिक्वेस्ट?

रेलवे के नए नियम के मुताबिक, अगर आपकी ट्रेन रात 12 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे के बीच है, तो इमरजेंसी कोटे के लिए आपकी रिक्वेस्ट एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक रेलवे के EQ सेल में पहुंच जानी चाहिए.

वहीं, अगर ट्रेन दोपहर 2 बजे के बाद से रात 11:59 बजे के बीच है, तो रिक्वेस्ट एक दिन पहले शाम 4 बजे तक भेजनी होगी.

यानी साफ है कि अब ट्रेन खुलने वाले दिन अगर आप EQ के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.

छुट्टी वाले दिन का क्या होगा?

अगर आपकी ट्रेन रविवार या किसी सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन है, तो EQ के लिए रिक्वेस्ट उस दिन नहीं, बल्कि उसके पहले वाले वर्किंग डे के ऑफिस टाइम में भेजनी होगी. ऐसा इसलिए ताकि समय रहते सीट का आवंटन हो जाए और चार्ट बनाने में देरी न हो.

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क्यों बदले गए ये नियम?

रेलवे बोर्ड को रोजाना बड़ी संख्या में VIPs, रेलवे अधिकारियों और अन्य डिपार्टमेंट्स से EQ के लिए रिक्वेस्ट आती हैं. मंत्रालय का कहना है कि इन सीटों का आवंटन पूरी सावधानी और समझदारी से किया जाता है. लेकिन अगर समय पर रिक्वेस्ट न मिले तो चार्ट बनते वक्त मुश्किल होती है, जिससे आम यात्रियों को परेशानी होती है और ट्रेन की समय पर रवानगी भी प्रभावित हो सकती है.

रेल मंत्रालय ने सभी अधिकारियों और फॉरवर्डिंग अथॉरिटी से अपील की है कि वे तय समय में ही रिक्वेस्ट भेजें और यह भी सुनिश्चित करें कि जिस व्यक्ति के लिए कोटा मांगा जा रहा है, वह वाकई में सही जरूरतमंद है.

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इमरजेंसी कोटा होता क्या है?

इमरजेंसी कोटा रेलवे की एक विशेष व्यवस्था है, जिसके तहत कुछ सीटें आखिरी समय के लिए बचाकर रखी जाती हैं. यह कोटा खासकर VIP, मेडिकल केस, रेलवे कर्मचारी या अन्य जरूरी यात्रियों के लिए होता है, जिन्हें इमरजेंसी में यात्रा करनी पड़ती है. लेकिन अब इस कोटे का गलत इस्तेमाल रोकने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए नियमों को सख्त किया गया है.

नए नियम का आम यात्रियों पर क्या होगा असर?

भले ही इमरजेंसी कोटा VIPs या खास यात्रियों के लिए होता है, लेकिन इसकी वजह से रिजर्वेशन चार्ट बनने में देरी होती है और ट्रेनों के टाइम पर चलने पर असर पड़ता है. इसलिए नए नियम से आम यात्रियों को भी राहत मिलेगी, जिसके तहत चार्ट समय पर बने, ट्रेन समय से चले और बिना किसी दिक्कत के यात्रा हो सके.

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अगर आप या आपके जानने वाले EQ के तहत ट्रेन की सीट बुक कराने की सोच रहे हैं तो अब से अलर्ट रहना जरूरी है. तय समय से पहले रिक्वेस्ट न भेजी गई तो सीट मिलना मुश्किल हो सकता है. इसलिए सफर से एक दिन पहले ही तैयारी कर लें और रेलवे के नए नियमों का पालन करें, ताकि आपकी  बिना किसी परेशानी के यात्रा पूरी हो सके.
 

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