ITR फाइल करने से पहले इन 2 फॉर्म को कर लें चेक, वरना मिल सकता है Income Tax का नोटिस, अटक सकता है रिफंड

CBDT (Central Board of Direct Taxes) ने मौजूदा इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (ITR forms) के साथ-साथ टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी संबंधित फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं.

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Income tax filing 2025: एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें टैक्सपेयर के पूरे फाइनेंशियल ईयर की इनकम, खर्च और लेनदेन की जानकारी एक जगह दी गई होती है.
नई दिल्ली:

Income Tax Filing 2025: पहले की तुलना में आज इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना ज्यादा आसान है.दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाए हैं. जिसके तहत CBDT (Central Board of Direct Taxes) ने मौजूदा इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (ITR forms) के साथ-साथ टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी संबंधित फॉर् में कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावों के चलते अब रिटर्न फाइल करना बहुत आसान हो गया है.

अगर आप ITR फाइल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट (e-filing website) पर जाएंगे, तो पाएंगे कि बहुत सारी डिटेल आपके फॉर्म 26AS और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) से पहले ही भर दी गई है.अब आप पूछेंगे की जब सारा डेटा पहले से ही पोर्टल पर है, तो आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले फॉर्म 26AS और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) को फिर से चेक करने की क्या जरूरत है?

टैक्स रिफंड में देरी या नोटिस से बचने के लिए करें ये काम

दरअसल, ये इन दोनो फॉर्म को रिटर्न फाइल करते समय डबल चेक जरूर करना चाहिए. जिससे आप ये पक्का कर सकें कि आपसे कोई जानकारी छूटी नहीं है, या कोई टैक्स डिडक्शन क्लेम करने से बच नहीं गया है.अगर आप इन दोनों फॉर्म को देखे बिना सीधे रिटर्न फाइल करते हैं, तो मुमकिन है कि जानकारी मैच न होने से आपका टैक्स रिफंड अटक जाए या आपको टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ जाए, जिससे आपकी परेशानी बढ़ जाएगी.

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फॉर्म 26AS में क्या जानकारी दी गई होती है? 

फॉर्म 26AS एक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है जो आपको बताता है कि आपके पैन के अगेंस्ट कितना टैक्स जमा किया गया है. इसमें आपकी सैलरी या दूसरी इनकम पर काटे गए TDS, सेल्फ-असेसमेंट टैक्स, एडवांस टैक्स, रिफंड की जानकारी होती है. यहां तक कि कुछ बड़े खर्च या इन्वेस्टमेंट की डिटेल भी होती है - जैसे कि प्रॉपर्टी खरीदना या म्यूचुअल फंड में निवेश करना.

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अगर इसमें कोई गलती है, जैसे कि कोई TDS एंट्री नहीं की गई है, तो आप इसे ठीक करवाने के लिए उस व्यक्ति या ऑर्गनाइजेशन से संपर्क कर सकते हैं जिसने टैक्स काटा है.

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AIS में क्या जानकारी दी गई होती है?

एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें टैक्सपेयर के पूरे फाइनेंशियल ईयर की इनकम, खर्च और लेनदेन की जानकारी एक जगह दी गई होती है. नवंबर 2021 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह सिस्टम शुरू किया था, ताकि टैक्सपेयर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी हो. AIS वास्तव में फॉर्म 26AS का थोड़ा अपग्रेडेड वर्जन है. इसमें बैंक से मिले ब्याज, डिविडेंड इनकम, म्यूचुअल फंड की खरीद और बिक्री, शेयर ट्रेडिंग, किराया, विदेश भेजा गया पैसा, बड़े क्रेडिट कार्ड खर्च जैसी जानकारी शामिल होती हैं.

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यह एक तरह से आपका फाइनेंशियल प्रोफाइल है, जिसे देखकर आप समझ सकते हैं कि टैक्स डिपार्टमेंट के पास कौन सी इनकम की डिटेल हैं. अगर इसमें कुछ ऐसा नजर आता है जो आपने एंटर नहीं किया है, तो आप पोर्टल पर जाकर अपना फीडबैक दे सकते हैं और उन एंट्री को सही करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं.

ITR फाइल करने से पहले क्या चेक करना चाहिए?

ITR फाइल करने से पहले, फॉर्म 26AS और AIS दोनों को देखें और क्रॉस-चेक करें कि आपकी सभी इनकम, टैक्स डिडक्शन, इंटरेस्ट आदि उसमें सही तरीके से एंटर की गई हैं. यह कदम आपको गलत रिटर्न फाइल करने, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने या रिफंड में देरी से बचने में मदद करेगा.

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