- पॉलिसी लेते समय अपनी स्वास्थ्य स्थिति, आदतों और बीमारियों की सही और पूरी जानकारी कंपनी को देना आवश्यक होता है
- मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है ताकि पॉलिसी जारी करने वाली कंपनी क्लेम प्रक्रिया में कोई समस्या ना करे
- सस्ते प्रीमियम के चक्कर में कम भरोसेमंद बीमा कंपनी से टर्म प्लान लेना परिवार के लिए नुकसानदेह हो सकता है
जब फाइनेंशियल प्लानिंग की बात होती है तो अक्सर हम इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स पर फोकस करते हैं. लेकिन एक चीज जो लोग भूल जाते हैं, वो है टर्म लाईफ इंश्योरेंस. एक ऐसी पॉलिसी जो मुश्किल समय में भी आपके परिवार के लिए फाइनेंशियली सिक्योरिटी बन सकती है. इसलिए आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस के साथ एक अच्छा टर्म प्लान इंश्योरेंस जरूर होना चाहिए.
टर्म प्लान का टाइम सही रखें
अमूमन 60 से 65 साल की उम्र तक का कवर लेना चाहिए. 15 से 20 साल का प्लान खरीदने का कोई फायदा नहीं है. 60 साल की उम्र के बाद ही टर्म प्लान की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा 50 साल की उम्र के बाद कोई प्लान लेना बहुत महंगा हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि 25 से 30 साल के बीच प्लान ले लिया जाए.
हर साल कराएं रिन्यू
एक बार प्लान लेने के बाद दूसरी साल रिन्यू ना कराने की गलती नहीं करनी. क्योंकि ऐसा होने पर एक साल के बैनिफिट्स प्लान से खत्म हो जाएंगे. फिर दुबारा से आपको शुरूआत करनी पड़ सकती है. इसके लिए ऑटो पे सिस्टम का इस्तेमाल आप कर सकते हैं, जिससे भूल से भी रिन्यू का प्रोसेस ना रुक पाए.