खुशखबरी! बढ़ गई GST Return फाइल करने की डेडलाइन, जानें कबतक भर लेना होगा रिटर्न

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न भरने और फॉर्म जीएसटीआर-9सी में स्व-प्रमाणित समाधान विवरण प्रस्तुत करने की नियत तिथि 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 28 फरवरी 2022 कर दी गई है.

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GST Return : जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की तारीख बढ़ी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नयी दिल्ली:

अभी तक जीएसटी रिटर्न नहीं भर पाने वाले कारोबारियों को सरकार की ओर से राहत मिली है. सरकार ने मार्च 2021 में समाप्त होने जा रहे वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा दो महीने बढ़ा दी (GST Return Filing Deadline Extended) है. अब कारोबारी 28 फरवरी तक रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार देर रात को ट्वीट करके यह जानकारी दी.

सीबीआईसी ने बताया कि ‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न भरने और फॉर्म जीएसटीआर-9सी में स्व-प्रमाणित समाधान विवरण प्रस्तुत करने की नियत तिथि 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 28 फरवरी 2022 कर दी गई है.' जीएसटीआर-9 वार्षिक रिटर्न होता है जो जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को प्रति वर्ष दाखिल करना होता है.

इसी बहाने आपको बता दें कि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. इस बैठक में अन्य बातों के अलावा दरों को युक्तिसंगत बनाने पर राज्यों के मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी. बैठक में कुछ उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे में सुधार पर भी चर्चा की जाएगी. दर युक्तिकरण से संबंधित मंत्री समूह (जीओएम) परिषद को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. 

समिति ने रिफंड भुगतान को कम करने में मदद करने के लिए एक उलट शुल्क संरचना के तहत वस्तुओं की समीक्षा की है. इसके अलावा, फिटमेंट कमेटी, जिसमें राज्यों और केंद्र के कर अधिकारी शामिल हैं, ने स्लैब और दरों में बदलाव और छूट सूची से वस्तुओं को हटाने के संबंध में मंत्री समूह को कई बड़ी सिफारिशें की हैं.

बता दें कि वर्तमान में, जीएसटी दर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत है. वहीं विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर ऊंचे स्लैब के ऊपर उपकर भी लगाया जाता है. जीएसटी परिषद 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाने की मांग और कुछ वस्तुओं को मुक्तता की श्रेणी से हटाने पर भी विचार करेगी,. इससे स्लैब को युक्तिसंगत बनाने से राजस्व पर पड़ने वाले असर को लेकर संतुलन बैठाया जा सकेगा.

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