Gratuity Calculator: अगर आप सरकारी नौकरी में हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है. अब केंद्रीय कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी (Gratuity Amount) मिल सकती है. लेकिन इसके लिए क्या शर्तें होंगी? ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन (Gratuity Calculation) कैसे किया जाता है? और किन कर्मचारियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा? हम आपको इस खबर में पूरी डिटेल देने वाले हैं, ताकि आप जान सकें कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी और इसे पाने के लिए क्या जरूरी है. तो चलिए जानते हैं.
Gratuity क्या है?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि Gratuity आखिर होती क्या है. दरअसल ग्रेच्युटी (Gratuity), किसी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने या रिटायर होने पर दी जाने वाली एकमुश्त रकम (Lump sum amount) होती है. कह सकते हैं कि यह कंपनी की ओर से कर्मचारी को दिया जाने वाला एक इनाम है, जो उसे लंबी सर्विस के लिए दिया जाता है. यह अमाउंट कर्मचारी की फाइनल सैलरी और कितने साल की उसने नौकरी की है उससे निर्धारित होता है.
बता दें कि नई ग्रेच्युटी लिमिट (Gratuity limit) की घोषणा 30 मई, 2024 को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension & Pensioners Welfare) द्वारा जारी एक सर्कुलर में की गई थी.
ग्रेच्युटी अधिनियम (Gratuity Act)
ग्रेच्युटी एक्ट कारखानों, खदानों, ऑयल फील्ड, बागानों, बंदरगाहों, रेलवे, मोटर परिवहन उपक्रमों, कंपनियों और कम से कम 10 कर्मचारियों वाली दुकानों सहित विभिन्न क्षेत्रों पर लागू होता है. यह एक्ट कर्मचारियों को नौकरी पूरी होने तक हर साल के लिए 15 दिनों के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी भुगतान प्राप्त करने का अधिकार देता है. गैर-सरकारी (non-government) वर्कर के लिए इसकी सीमा 10 लाख रुपये है. वहीं दूसरी ओर, सीजनल एस्टेब्लिशमेंट (Seasonal establishments), हर सीजन के सात दिनों की मजदूरी के आधार पर ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन करते हैं. सीजनल एस्टेब्लिशमेंट (Seasonal establishments) को मौसमी प्रतिष्ठान भी कहते हैं, ये वो बिजनेस या इंडस्ट्री है जो केवल हर साल एक विशेष अवधि के दौरान ही ऑपरेट करती है.
पिछले साल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी लिमिट को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया था. यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 50% की बढ़ोतरी के बाद की गई थी जिसमें महंगाई भत्ता (DA) उनकी बेसिक सैलरी वेतन का 50% तक पहुंच गया था.
ग्रेच्युटी अधिनियम (Gratuity Act) कर्मचारियों को सभी एग्रीमेंट या कॉन्ट्रैक्ट में बेहतर ग्रेच्युटी शर्तें मिलने की गारंटी देता है. केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली या कई राज्यों में काम करने वाली कंपनियों के लिए, केंद्र गवर्निंग बॉडी के तौर पर काम करता है.
ग्रेच्युटी का फायदा किसे मिलेगा (Gratuity Eligibility)
ग्रेच्युटी एक्ट के तहत, कंपनियों को रिटायर कर्मचारियों या कम से कम पांच साल की सर्विस के बाद नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देनी होती है. इन मामलों में कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी होता है:
- लगातार पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद इस्तीफा देने पर
- कंपनी की पॉलिसी के आधार पर रिटायरमेंट लेने पर
कुछ खास परिस्थितियों में एम्प्लॉई को 5 साल से कम समय तक काम करने पर भी ग्रेच्युटी मिल सकती है.
- कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ग्रेच्युटी दी जाती है.
- किसी दुर्घटना या बीमारी की वजह से दिव्यांग हो जाने पर भले ही उसकी 5 साल की नौकरी पूरी न हुई हो.
- भूमिगत खदानों (Underground mines) में काम करने वाले कर्मचारी अगर 4 साल 190 दिन तक लगातार काम कर लें.
- अन्य संगठनों में काम करने वाले कर्मचारी अगर 4 साल 8 महीने यानी 4 साल 240 दिन तक लगातार कर लें.
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला (Gratuity calculation Formula)
ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन करने के लिए एक आसान फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है. नीचे दिए फॉर्मूले का इस्तेमाल कर आप अपना ग्रेच्युटी अमाउंट जान सकते हैं.:
(अंतिम सैलरी) x (नौकरी के साल) x (15/26)
सैलरी कॉम्पोनेंट (Salary components): सैलरी कॉम्पोनेंट में बैसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA) और कमीशन शामिल किया जाता है.
मंथली वर्किंग डे (Monthly work days): एक महीने में 26 वर्किंग डे (Working days) माने जाते हैं.
कैलकुलेशन का मेथड: 15 दिन का औसत आधे महीने की सैलरी के आधार पर निर्धारित किया जाता है.
ग्रेच्युटी को कैसे क्लेम करें? (How to claim gratuity?)
ग्रेच्युटी क्लेम के लिए, एक क्वालिफाइड एम्प्लॉई को अपनी कंपनी को फॉर्म I में एक आवेदन जमा करना होता है. अगर किसी वजह से एम्प्लॉई ऐसा करने में असमर्थ है, तो उनके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को उनकी तरफ से ऐसा करने की इजाजत होती है.
आवेदन मिलने पर, कंपनी सबसे पहले क्लेम को वेरिफाई करती है, और फिर उसे कर्मचारी को दिए जाने वाले ग्रेच्युटी अमाउंट को तुरंत कैलकुलेट करना होता है. समय पर ग्रेच्युटी का भुगतान सुनिश्चित करने और किसी भी देरी से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है.
विवादों का समाधान (Resolution of Disputes):
यदि ग्रेच्युटी अमाउंट या किसी एम्प्लॉई की एलिजिबिलिटी के संबंध में कोई कोई असहमति है, तो अधिनियम के मुताबिक इस मामले को गवर्निंग बॉडी के सामने रखा जा सकता है. इसके लिए एम्प्लॉई को उस स्पेसिफिक रीजन की गवर्निंग बॉडी को फॉर्म N में एक एप्लीकेशन फाइल करनी होगी.
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