ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. इस कदम के तहत एसी कोच में अब यात्रियों को साफ-सुथरा बेडरोल मिलने वाला है. ट्रेन के एसी कोच में मिलने वाली कंबल की धुलाई अब महीने में एक बार की बजाय हर 15 दिनों में की जाएगी.
इसके अलावा, चादरों और पिलो कवर की सफाई पर खास ध्यान दिया जाएगा. यह फैसला यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो अक्सर कहते थे कि कंबल गंदे होते हैं और उनकी सफाई ठीक से नहीं होती.
यात्रियों की शिकायत को देखते हुए लिया गया फैसला
पहले भी यात्रियों की कई बार यह शिकायत रही है कि बेड रोल साफ-सुथरे नहीं होते और कभी-कभी उन्हें इस्तेमाल किए गए कंबल और चादरें मिलती हैं, खासकर कंबल को लेकर शिकायतें ज्यादा रहती हैं. इस समस्या को देखते हुए, रेलवे ने यह कदम उठाया है,.
जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे के एसी क्लास में बेड रोल की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें दो चादरें, एक कंबल, एक तकिया और एक छोटा तौलिया होता है. इस सुविधा के लिए एक्सट्रा चार्ज नहीं लिया जाता, यह टिकट की कीमत में ही शामिल होता है, हालांकि, गरीब रथ ट्रेन में बेड रोल के लिए एक्सट्रा चार्ज लिया जाता है.
एक कंबल को साफ करने में लगता है महज 45 मिनट का समय
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की टीम ने गुरुवार को गुवाहाटी स्थित रेलवे के एक लॉन्ड्री में पहुंची, जहां कंबल-चादर धुलने का काम शुरू किया गया है. गुवाहाटी रेलवे के सीनियर इंजीनियर नीपन कलिता ने आईएएनएस को बताया कि कंबल की सफाई की प्रक्रिया बेहद प्रभावी और तेज है. एक कंबल को साफ करने में महज 45 मिनट का समय लगता है. कंबल को सबसे पहले चार हिस्सों में बांटकर धुला जाता है.
धुलाई प्रक्रिया के दौरान, कंबल को 80 से 90 डिग्री तापमान पर धोया जाता है, इसके बाद उसे ड्रायर में सुखाया जाता है. कभी-कभी धुलाई और ड्राईिंग की प्रक्रिया में थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है, लेकिन कुल मिलाकर कंबल की धुलाई 50 से 55 मिनट में पूरी हो जाती है.
एक बेड रोल को साफ करने में लगभग 23.58 रुपये का खर्च
गुवाहाटी कोचिंग डिपो के मैनेजर सुदर्शन भारद्वाज ने बताया कि चादरों की सफाई प्रतिदिन की जाती है. इसमें लगभग 45 से 60 मिनट का समय लगता है. बेडशीट को मशीन में डाला जाता है, और फिर उसे वॉश, ड्राई और स्टीम आयरन के जरिए पूरी तरह से साफ किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 45 से 60 मिनट का वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि एक कंबल (973 ग्राम वजन) की धुलाई में करीब 23.59 रुपये का खर्च आता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल होता है. इसी तरह, एक बेड रोल को पूरी तरह से साफ करने में भी लगभग 23.58 रुपये का खर्च आता है.
इस रेलवे लॉन्ड्री में काम करने वाली कर्मचारियों में से 60 फीसदी महिलाएं हैं, जो प्रधानमंत्री द्वारा समर्थित महिला सशक्तिकरण पहल के तहत अपनी भूमिका निभा रही हैं. यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है.