Gold Investment : सोना खरीदने की है प्लानिंग? ज्वैलरी के अलावा इन 6 तरह से कर सकते हैं निवेश

Gold Investment in India: आज, मार्केट में गोल्ड खरीदने के लिए ज्वेलरी के अलावा भी कई दूसरे तरीके मौजूद हैं. अगर आप भी इस फेस्टिव सीजन में गोल्ड खरीदने की सोच रहे हैं, तो चलिए सोना खरीदने के कुछ पारंपरिक और नए तरीकों के बारे में आपको बताते हैं.

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नई दिल्ली:

Gold Buying Options: त्योहारों के दौरान सोना खरीदने (Gold Buying) की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. इसीलिए फेस्टिव सीजन में सोने  की डिमांड (Gold Demand) काफी बढ़ जाती है. सोना खरीदना सिर्फ एक परंपरा तक सीमित नहीं है बल्कि यह निवेश का एक सुरक्षित तरीका भी माना जाता है. आज, मार्केट में गोल्ड खरीदने के लिए ज्वेलरी के अलावा भी कई दूसरे तरीके मौजूद हैं. अगर आप भी इस फेस्टिव सीजन में गोल्ड खरीदने (Gold Investment) की सोच रहे हैं, तो चलिए सोना खरीदने के कुछ पारंपरिक और नए तरीकों के बारे में आपको बताते हैं.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

सरकार द्वारा जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) गोल्ड में निवेश करने का एक अच्छा विकल्प है. SGB पर आपको एक निश्चित ब्याज भी मिलता है. हालांकि ये आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं. सरकार समय-समय पर नए SGB की बिक्री के लिए एक विंडो क्रिएट करती है. ऐसा साल में लगभग एक या दो बार होता है, और सब्सक्रिप्शन विंडो लगभग एक सप्ताह तक खुली रहती है. हालांकि अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो पहले जारी किए गए SGB को सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं.

डिजिटल गोल्ड (Digital gold)

डिजिटल गोल्ड, सोना खरीदने का एक नया और सुविधाजनक तरीका है. इस तरीके में आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए गोल्ड खरीद सकते हैं. इसके लिए Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे पेमेंट एप्स (payment apps) का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस ऑप्शन की सबसे अच्छी बात ये हैं कि गोल्ड खरीदने के लिए आपको बड़ी राशि की जरूरत नहीं होती, आप केवल 1 रुपये से भी सोना खरीदना शुरू कर सकते हैं. यानी डिजिटल गोल्ड खरीदने का फायदा यह है कि इसे छोटे-छोटे हिस्सों में खरीदा और बेचा जा सकता है.

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सोने के सिक्के (Gold coins)

सोने में निवेश करने के लिए आप गोल्ड कॉइंस यानी सोने के सिक्के भी खरीद सकते हैं. यह सिक्के ज्वैलर्स, बैंक, और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर अवेलेबल होते हैं. हर सोने का सिक्का BIS द्वारा हॉलमार्क किया जाता है. मार्केट में 0.5 ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक के वजन के सिक्के अवेलेबल हैं. निवेशकों को इसे टेम्पर-प्रूफ पैकेजिंग में खरीदने की सलाह दी जाती है ताकि वो धोखाधड़ी और जालसाजी का शिकार न हों.

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गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) एक ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो 99.5% प्योरिटी यानी शुद्धता वाले गोल्ड बुलियन में निवेश करती है. यह तरीका आपको गोल्ड खरीदने के साथ-साथ स्टॉक की तरह उसे ट्रेड करने का मौका भी देता है. यानी ये फंड किसी कंपनी के शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करते हैं. निवेशक स्टॉक एक्सचेंज से कभी भी गोल्ड ईटीएफ की यूनिट खरीद या बेच सकते हैं. इस तरीके से गोल्ड में निवेश करने का फायदा यह है कि फिजिकल गोल्ड की तरह चोरी होने का डर नहीं होता.

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गोल्ड सेविंग प्लान (Gold savings plan)

आजकल कई ज्वैलर्स कस्टमर्स को गोल्ड सेविंग्स प्लान ऑफर कर रहे हैं. इस तरीके में आप हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट जमा कर सकते हैं. जमा की गई रकम के साथ बोनस जोड़कर आप इस राशि का इस्तेमाल उसी ज्वेलर से गोल्ड खरीदने के लिए कर सकते हैं. इस प्लान के जरिए आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करके एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.

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गोल्ड ज्वेलरी (Gold jewellery)

गोल्ड खरीदने का सबसे पारंपरिक तरीका ज्वेलरी खरीदना है. हालांकि, इसमें मेकिंग चार्ज का ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि इसकी वजह से ज्वेलरी की कीमत बढ़ सकती है. ज्वेलरी की डिजाइन के हिसाब से मेकिंग चार्ज भी अलग-अलग होता है. ज्वेलरी खरीदते वक्त हॉलमार्क जरूर देखें.
 

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