PF अकाउंट से कितना पैसा निकाल लेने पर पेंशन नहीं मिलती है? अगर पेंशन चाहिए तो जान लें ये नियम

EPF or PF Withdrawal Rules 2024: PF अकाउंट में एम्प्लॉई और कंपनी दोनों ही कॉन्ट्रीब्यूट करती है. कर्मचारी की सैलरी का 12% हिस्सा PF अकाउंट में जाता है और कंपनी भी कर्मचारी के PF अकाउंट में 12% का योगदान करती है.

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EPFO Pension Rules : अगर कोई एम्प्लॉई 10 साल से ज्यादा समय तक लगातार PF में कॉन्ट्रीब्यूट करता रहता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार बन जाता है.
नई दिल्ली:

भारत में सभी नौकरीपेशा लोगों के PF अकाउंट (Provident Fund) होते हैं जिन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ऑपरेट करता है. कर्मचारी का PF अकाउंट एक तरह से बचत योजना (Saving scheme) के तौर पर काम करता है. हर महीने कर्मचारी के वेतन का 12% हिस्सा इस अकाउंट में जमा होता है. और इतना ही हिस्सा यानी उतनी ही रकम कंपनी भी कर्मचारियों के PF अकाउंट में जमा करती है.

एम्प्लॉई के PFअकाउंट में जमा रकम का कुछ हिस्सा उसकी पेंशन के लिए भी रिजर्व होता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर कोई एम्प्लॉई 10 साल से ज्यादा समय तक लगातार PF में कॉन्ट्रीब्यूट करता रहता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार बन जाता है. PF खाते में जमा रकम को आप कुछ स्थितियों में निकाल भी सकते हैं. लेकिन अगर आप पूरा पैसा PF अकाउंट से निकाल लेते हैं, तो फिर आपको पेंशन नहीं मिलेगी. आइए पेंशन को लेकर EPFO के नियमों को विस्तार से समझते हैं.

अकाउंट से पूरा पैसा निकालने पर नहीं मिलती पेंशन

जैसा कि हमने बताया कि PF अकाउंट में एम्प्लॉई और कंपनी दोनों ही कॉन्ट्रीब्यूट करती है. कर्मचारी की सैलरी का 12% हिस्सा PF अकाउंट में जाता है और कंपनी भी कर्मचारी के PF अकाउंट में 12% का योगदान करती है. कंपनी के 12 % कॉन्ट्रीब्यूशन में से 8.33 % हिस्सा सीधे EPS फंड (Employee Pension Scheme Fund) में जाता है. और बाकी का 3.67% हिस्सा PF अकाउंट में जाता है.

पेंशन पाने के लिए जरूरी शर्तें 

अगर कोई भी PF अकाउंट होल्डर 10 साल तक PF अकाउंट में कंट्रीब्यूट करता है, तो वह पेंशन का हकदार हो जाता है. यानी अगर एम्प्लॉई ने 10 साल तक अपने PF अकाउंट में कॉन्ट्रीब्यूट किया है, तो उसे पेंशन मिलने का हकदार है, भले ही इसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी हो या नौकरी बदल ली हो.पेंशन क्लेम करने के लिए कर्मचारी द्वारा कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है. जैसे

EPS फंड का एक्टिव रहना जरूरी

अगर किसी एम्प्लॉई ने 10 साल तक PF अकाउंट में कॉन्ट्रीब्यूट किया और बाद में नौकरी छोड़ दी, तो पेंशन का बेनिफिट पाने के लिए एम्प्लॉई को अपना EPS फंड एक्टिव रखना होगा. अगर कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अपने PF अकाउंट में मौजूद पूरे पैसे निकाल लेता है लेकिन उसका EPS फंड बरकरार है, तो उसे पेंशन मिलेगी. लेकिन अगर वह अपने EPS फंड का भी पूरा पैसा भी निकाल लेता है, तो फिर उसे पेंशन नहीं मिलेगी.इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि अगर आपको पेंशन का बेनिफिट चाहिए, तो EPS फंड को नहीं निकालना चाहिए.

किस उम्र से पेंशन कर सकते हैं क्लेम करें?

EPFO के तय किए नियमों के मुताबिक,  जो एम्प्लॉई 10 साल तक लगातार PF अकाउंट में कॉन्ट्रीब्यूट करता है, वह 50 साल की उम्र के बाद पेंशन क्लेम कर सकता है. बशर्ते कि उसने अपने EPS फंड को न निकाला हो.

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