नौकरी बदलने पर PF का पैसा निकालना चाहिए या नहीं? ज्यादातर लोग नहीं जानते ये बात, जानिए पेंशन पर क्या होगा असर

EPF or PF Withdrawal Rules 2025: हर महीने आपकी सैलरी से बचत ऑटोमैटिकली PF अकाउंट में जाती रहती है. कई लोग सोचते हैं कि कंपनी बदल गई तो पुराना PF अकाउंट खाली कर लेना चाहिए. कुछ लोग कैश की कमी के चलते भी पैसा निकाल लेते हैं.

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हर महीने आपकी सैलरी से बचत ऑटोमैटिकली PF अकाउंट में जाती रहती है. यही PF अकाउंट आगे चलकर पेंशन और रिटायरमेंट फंड का सहारा बनता है.
नई दिल्ली:

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप नौकरी बदलते हैं तो आपके पीएफ अकाउंट (PF Account) का क्या करना चाहिए? क्या पैसा तुरंत निकाल लेना सही है या उसे ट्रांसफर करना बेहतर होता है? बहुत से लोग इस कंफ्यूजन में रहते हैं और जल्दी कैश की जरूरत होने पर पीएफ बैलेंस निकाल (PF Balance Withdrawal) लेते हैं. लेकिन ये आदत आपके फाइनेंशियल हेल्थ और रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plans) पर बड़ा असर डाल सकती है. 

आइए आपको बताते हैं कि जॉब स्विच के बाद PF का पैसा निकालना सही है या नहीं और इसका पेंशन (Pension) और टैक्स (Tax) पर क्या असर पड़ता है.

PF अकाउंट क्या है?

भारत में हर सैलरीड व्यक्ति का PF अकाउंट होता है जिसे EPFO यानी Employee Provident Fund Organisation मैनेज करता है. इस अकाउंट में हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा जमा होता है और उतना ही हिस्सा कंपनी भी देती है. इसका मतलब हर महीने आपकी सैलरी से बचत ऑटोमैटिकली PF अकाउंट में जाती रहती है. यही PF अकाउंट आगे चलकर पेंशन और रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) का सहारा बनता है.

जॉब बदलते ही पैसा निकालने का नुकसान

कई लोग सोचते हैं कि कंपनी बदल गई तो पुराना PF अकाउंट खाली कर लेना चाहिए. कुछ लोग कैश की कमी के चलते भी पैसा निकाल लेते हैं. लेकिन ऐसा करने से कंपाउंडिंग (PF Compound Interest Calculator)का फायदा खत्म हो जाता है. PF पर हर साल ब्याज मिलता है और वो भी कंपाउंडिंग से यानी ब्याज पर भी ब्याज. 

अगर आप बार बार पैसा निकालेंगे तो रिटायरमेंट तक फंड काफी छोटा रह जाएगा. इसके अलावा अगर आपने 5 साल पूरे होने से पहले पैसा निकाला तो उस पर टैक्स भी लगेगा.

भूलकर न करें ये काम, पेंशन का नहीं मिल पाएगा फायदा 

PF में आपका और कंपनी दोनों का कॉन्ट्रिब्यूशन होता है. कंपनी के योगदान में से 8.33 फीसदी EPS यानी Employee Pension Scheme में जाता है. अगर आपने 10 साल तक कॉन्ट्रिब्यूट किया है तो आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है. लेकिन अगर आप EPS का पैसा भी निकाल लेते हैं तो पेंशन का फायदा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. इसलिए EPS फंड को एक्टिव रखना जरूरी है.

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PF अकाउंट ट्रांसफर करना बेहतर 

आज के डिजिटल जमाने में PF अकाउंट ट्रांसफर करना बहुत आसान हो गया है. UAN पोर्टल के जरिए आप कुछ क्लिक में अपना PF बैलेंस नई कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं. इससे आपका बैलेंस लगातार जुड़ता रहेगा, ब्याज भी मिलता रहेगा और रिटायरमेंट पर एक बड़ी रकम आपके पास होगी.

टैक्स का भी मिलेगा फायदा

EPF टैक्स सेविंग (Tax Saving) का बेहतरीन तरीका है. हर साल 2.5 लाख रुपये तक के कॉन्ट्रिब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है. अगर आपने लगातार 5 साल तक PF में पैसा डाला है तो निकालने पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा. लेकिन अगर अकाउंट 3 साल तक डॉर्मेंट यानी इनएक्टिव हो गया तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल हो जाएगा.

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नौकरी बदलते ही PF का पैसा निकालना आसान तो लगता है लेकिन ये आपके फ्यूचर के लिए नुकसानदायक है. सही तरीका यही है कि PF अकाउंट को ट्रांसफर कराया जाए और EPS फंड को बरकरार रखा जाए ताकि रिटायरमेंट पर अच्छी पेंशन और बड़ा कॉर्पस मिल सके.

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PF अकाउंट के 5 सबसे बड़े फायदे, ज्यादातर लोग नहीं जानते EPF क्यों है जरूरी?

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