डिजी यात्रा: 'टेलगेटिंग' मुद्दे का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं हितधारक

डिजी यात्रा चेहरे को पहचानने की तकनीक (एफआरटी) का इस्तेमाल करके हवाई अड्डों पर ई-गेट के जरिये स्पर्श रहित और निर्बाध प्रवेश की सुविधा देता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

डिजी यात्रा फाउंडेशन सहित हितधारक हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा द्वारों के जरिये टेलगेटिंग का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी ओर विमानन सुरक्षा नियामक बीसीएएस ने ध्यान दिलाया था. जब किसी एक व्यक्ति के प्रमाणपत्रों का उपयोग करके एक से अधिक व्यक्ति गेट से गुजरने की कोशिश करते हैं, तो उसे टेलगेटिंग कहते हैं.

डिजी यात्रा चेहरे को पहचानने की तकनीक (एफआरटी) का इस्तेमाल करके हवाई अड्डों पर ई-गेट के जरिये स्पर्श रहित और निर्बाध प्रवेश की सुविधा देता है. एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा पहलुओं की नियमित समीक्षा के दौरान नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने डिजी यात्रा द्वारों पर टेलगेटिंग की समस्या की ओर इशारा किया, और इसके समाधान पर चर्चा चल रही है.

डिजी यात्रा फाउंडेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुरेश खडकभावी ने हाल में पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि हितधारक टेलगेटिंग के मुद्दे के समाधान के लिए विधिवत चर्चा कर रहे हैं. इस समय डिजी यात्रा 14 हवाई अड्डों पर उपलब्ध है और अप्रैल के अंत तक 14 और हवाई अड्डों पर इस सुविधा के चालू होने की उम्मीद है.

टेलगेटिंग के बारे में पूछने पर खड़कभावी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रियों और हवाई अड्डों की सुरक्षा के बीच संतुलन हो. यदि कोई टेलगेटिंग कर रहा है, तो गेट को तेजी से बंद करके उसे रोकने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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